भोपाल। मध्य प्रदेश के अधिकांश प्रोटोटाइप से विदाई होलवे है। हालांकि शुक्रवार को प्रदेश के कुछ अस्वाभाविक मौसम ने करवट बदल दी। असफलता की फिर से वापसी के साथ प्रदेश के कई मानक में बारिश जैसे हालात बने। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अरब सागर के ऊपर एक काम दबाव का एक क्षेत्र बनाया गया है। इसके साथ ही राजस्थान की तरफ से एक मील का पत्थर बनने के कारण प्रदेश में बारिश की सक्रियता बढ़ रही है। इसका असर प्रदेश के मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में एक बार फिर से झमाझम बारिश के रूप में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को सिवनी, इंदौर, हरदा, खरगोन, खंडवा, धार और मंडला समेत कई जिलों में बारिश हुई।

शुक्रवार को हरदा के सिराली इलाके में झमाझम बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी और गर्मी से काफी राहत मिली है। तो वहीं नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, उमरिया, अनूपपुर, जेनरेटर, मैहर, सीधा, मुआगंज, रीवा, शहडोल और सिंगरौली जिलों में भी पाइपलाइन की वापसी हुई और इन जिलों में भी बारिश हुई। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 5 अक्टूबर तक प्रदेश के करीब 34 प्रतिभागियों की डुप्लिकेट की वापसी हो गई।

इन इलाक़ों में बारिश हो सकती है
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के कुछ आभूषणों में इंद्रधनुष के आस-पास बन रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों तक ऐसे ही प्रदेश के कई मानक में बारिश की स्थिति बनी रह सकती है। आईएमए ने मज़बीन, सागर और भोपाल में गार्गर-चमक के साथ बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। कुछ इलाक़ों में पेड़-पौधों की बहारें हो सकती हैं।

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मौसम विभाग का कहना है कि महाराष्ट्र और अन्य देशों में एक सिस्टम बना हुआ है। अरब सागर के ऊपर भी एक गहरी कम दबाव का राक्षसी बना हुआ है। महाराष्ट्र से केरल तक एक द्रोणिका भी बनी है। तो वहीं राजस्थान के ऊपर भी एक समुद्री मील का पत्थर है। इसका असर की वजह से वेबसाइट वाली हवाएं मध्य प्रदेश आ रही है। इसके कारण प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में गार्गल-चमक के साथ चीटें पड़ सकते हैं।

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