know different types of mushrooms can help to overcome hormonal imbalance. जानें हाॅर्मोन्स को बैलेंस कर यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है मशरूम।

अनियमित पीरियड्स, थकान, कामेच्छा में कमी (Low Libido) , सूजन (Bloating), ऐंठन (Period Cramps) , अचानक बहुत अधिक वजन बढ़ जाना (Obesity)। ये सभी हॉर्मोन में असंतुलन (Hormonal Imbalance) के संकेत हैं। हार्मोन हमारे शरीर में कई शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब वे असंतुलित हो जाते हैं, तो इससे इम्फ़र्टिलिटी सहित कई और समस्याओं का जन्म हो जाता है। हमारी डाइट में उपस्थित खाद्य पदार्थ ही पोषक तत्वों की पूर्ति कर समस्याओं में कमी ला सकते हैं। कई शोध बताते हैं कि मशरूम की कुछ प्रजातियां हॉर्मोन में बैलेंस (mushroom for hormonal imbalance) लाकर रिप्रोडक्टिव ऑर्गन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करते हैं।

क्यों होता है हॉर्मोन में असंतुलन (hormonal imbalance)

हार्मोन रासायनिक संदेशवाहक होते हैं, जो शरीर में कई अलग-अलग ग्रंथियों और अंगों द्वारा बनाए जाते हैं। दवा, आहार, एक्सरसाइज की कमी, तनाव सहित कई कारकों से हार्मोन का सीक्रेशन प्रभावित हो सकता है। पीसीओएस (Polycystic Syndrome), एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis), बांझपन (Infertility) और जल्दी रजोनिवृत्ति (Early Menopause) भी हार्मोन असंतुलन के कारण होते हैं। फीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन फिजियोलॉजी, मूड और पीरियड में परशानी के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक महिला को स्वस्थ रहने के लिए इन हार्मोनों का संतुलित रहना महत्वपूर्ण है।

चीन की पारम्परिक चिकित्सा में प्रयोग

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मॉलिक्यूलर साइंसेज (International Journal of Molecular Sciences) के अनुसार, मशरूम औषधीय गुणों वाला होता है। मशरूम के चिकित्सीय उपयोग और औषधीय गतिविधियों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि कॉर्डिसेप्स मशरूम (cordyceps Mushroom) का पारंपरिक चीनी चिकित्सा में हार्मोनल असंतुलन के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह जीवन शक्ति बढाने वाला, लिबिडो बढाने वाला और अर्ली मेनोपॉज को दूर करने में मदद करने वाला माना जाता रहा है।

एंटीऑक्सीडेटिव गुण 

यह एंटीएलर्जिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेटिव और एंटीवायरल गुणों वाला होता है।यह साइटोटॉक्सिक, इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग, एंटीडिप्रेसिव, एंटीहाइपरलिपिडेमिक, एंटीडायबिटिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, नेफ्रोप्रोटेक्टिव, ऑस्टियोप्रोटेक्टिव भी होता है।

पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को कम कर सकते हैं (poly cystic ovary syndrome)

हर्बल मेडिसिन जर्नल के अनुसार, रिशी मशरूम (Reishi mushroom) को कभी-कभी बेडरूम का जादुई मशरूम भी कहा जाता है। यह महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता के साथ-साथ शरीर के समग्र कार्य और प्रदर्शन को बढाने में मदद कर सकता है। दरअसल, मशरूम जिंक से भरपूर होते हैं, जो जनन अंगों पर कार्य करके यौन जीवन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। यह मुख्य रूप से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और प्रजनन क्षमता में सुधार करने वाला पाया गया है।

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मशरूम जिंक से भरपूर होते हैं, जो जनन अंगों पर कार्य करके यौन जीवन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर रिशी मशरूम

कोक्रेन लाइब्रेरी के अनुसार, रिशी मशरूम एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लक्षणों को कम कर सकते हैं। ये मशरूम हार्मोन को भी संतुलित करने में मदद करते हैं। चगा मशरूम ब्लड प्रेशर को स्थिर करने, ऊर्जा बढ़ाने और यहां तक कि एस्ट्रोजेन के स्तर को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसका उपयोग सदियों से पाचन संबंधी परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता रहा है

ब्लड वेसल्स में तनाव को कम करता है

अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लीमेंट्री थेरेपीज के अनुसार, हर तरह के मशरूम पोटैशियम के समृद्ध स्रोत होते हैं। यह एक ऐसा पोषक तत्व है, जो ब्लड वेसल्स में तनाव को कम करता है। इसमें कोलीन, सेलेनियम, आयरन, मैग्नीशियम भी मौजूद होता है। इनके अलावा, मशरूम में थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी-6 और विटामिन बी-12 सहित कई अन्य विटामिन बी भी मौजूद होते हैं

mushroom khane se apko kai trah ke laabh milte hai
हर तरह के मशरूम पोटैशियम के समृद्ध स्रोत होते हैं। यह ब्लड वेसल्स में तनाव को कम करता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

एस्ट्रोजन पर अधिक प्रभावी (mushroom for hormonal imbalance)

रिशी मशरूम एस्ट्रोजन हार्मोन पर अधिक प्रभावी रूप से काम करते हैं। ये शरीर को एस्ट्रोजन की सही मात्रा का उत्पादन करने में मदद कर सकते हैं और फीमेल हार्मोन को संतुलित करने में भी मदद कर सकते हैं। यह पेल्विक सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके कारण एंडोमेट्रियोसिस, यूटेरस फाइब्रॉएड, डिसमेनोरिया और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होता है।

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