नीट की सफलता की कहानी: कोविड महामारी ने जहां दुनिया को झकझोर कर रख दिया है, वहीं इस महामारी की वजह से युवा पीढ़ी को मेडिकल प्रोफेशन के लिए भी प्रेरित किया जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ की श्रुति अग्रवाल (श्रुति अग्रवाल) की। वह इन मेडिकल प्रोफेशनल्स को देखकर बहुत ही असाधारण हो गए, जो उस कठिन समय में देश के साथ रहे। श्रुति ने समाज के लिए काम करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने यूजी की परीक्षा में 572वीं रैंक हासिल की है।

नीट में 720 से 701 अंक प्राप्त हुए
श्रुति ने पहला प्रयास करते हुए NEET UG 2024 को आसानी से पास कर लिया। उनकी सफलता में नेशनल एजुकेशन और नीट की तैयारी को एक साथ करने का बड़ा योगदान रहा है। श्रुति का मानना ​​​​है कि उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ पढ़ाई के साथ-साथ विषयों को लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है। उन्होंने 720 में से 701 अंक हासिल किए, जो उनके कठिन परिश्रम का हिस्सा है।

नीट यूनिवर्सिटी में 572वीं रैंक हासिल की
नीट यूजी 2024 की परीक्षा में 572वीं रैंक हासिल की, जो उनका गुण और संयम का प्रतीक है। इसके अलावा उनके कक्षा 12वीं के बोर्ड परीक्षा में भी 98.4% अंक प्राप्त हुए हैं। श्रुति ने हर विषय पर नोट्स बनाने के दौरान तैयारी की, जो उनके विषयों को बेहतर तरीके से याद रखने का एक प्रभावी तरीका बनाया। उनके इन नोट्स में सभी महत्वपूर्ण बिंदु, प्रश्न और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल थी, जो उनके सिद्धांतों को समझाती थी और उन्हें सुधारने में मदद करती थी।

एनसीईआरटी ने अध्ययन पर फोकस किया
अपनी तैयारी में श्रुति (श्रुति अग्रवाल) ने मुख्य रूप से एनसीईआरटी की सामग्री और अपने कोचिंग संस्थान की सामग्री पर भरोसा किया। स्कूल से दोपहर करीब 1:30 बजे वापस आने के बाद वह कुछ समय आराम करता है, फिर शाम को कोचिंग के लिए तैयार होता है। उनका कोचिंग सत्र रात 8:30 बजे शुरू हुआ, और वे दिन में सीखे गए पाठ को दोहराने और होमवर्क पूरा करने का भी प्रयास करते रहे। परीक्षा के एक दिन पहले असंतोष महसूस करने के बावजूद, उनके माता-पिता, शिक्षक और शिक्षकों ने उन्हें शांत रहने और सामान बनाए रखने में मदद की।

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