बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में सहयोगी समिति के कर्मचारियों ने अपने तीन सूत्रीय सहयोगियों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। बिलासपुर सहित प्रदेश के कई विचारधाराओं में कर्मचारी अपने पद और अधिकारिता के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। धान खरीद सीजन शुरू होने के कुछ दिन पहले ही इस चरण से आगामी खरीद की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इससे किसानों के लिए विनाशकारी घटनाएँ हो सकती हैं।
5 लाख का अनुदान मील
इस स्ट्राइक का मुख्य उद्देश्य सरकार तक अपने तीन मुख्य निशान लगाना है। इन अविश्वास में प्रथम प्रबंधकीय अनुदान है जो मध्य प्रदेश शासन द्वारा सहयोगी को दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 5 लाख रुपए का प्रबंधकीय अनुदान प्रदान किया जाए।
नई भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत हो समायोजन
दूसरी मांग सेवा संशोधन में संशोधन की है ताकि कर्मचारियों को सुरक्षित और स्थिर सेवाओं का लाभ मिल सके। इसके साथ ही, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जिला सहयोगी केंद्रीय पदों में भर्ती कराया जाए और नई भर्ती प्रक्रिया के तहत शामिल किया जाए। तीसरी मांग धान उपार्जन नीति से जुड़ी है। कर्मचारी चाहते हैं कि और नीतिगत बदलाव हो ताकि कणों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
बिलासपुर में आंदोलन की स्थिति
बिलासपुर में भी महासचिव स्तर पर सहयोगी समिति के स्टाफ़ नेहरू चौक पर कम्युनिस्ट पार्टी की हड़ताल और हड़ताल प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से वे अपनी राजधानी के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके हिस्से को लगातार ख़त्म किया जा रहा है।
धान की मूल प्रक्रिया पर असर का अंदेशा
प्रदेश में धान खरीदी प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू होती है। हड़ताल जल्दी ख़त्म होने से किसानों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के दौरान हमले के दौरान धान के टुकड़ों में रुकावटें आ सकती हैं। किसानों और उद्यमों के लाभ के लिए जरूरी है कि सरकार समय-समय पर कर्मचारियों की मदद पर विचार करे और इस समस्या का समाधान निकाले।
कर्मचारियों की सरकार से अपील
स्ट्राइक पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी नाख़ून पर जल्दी ध्यान नहीं दिया गया तो वे अपना आंदोलन जारी करते हैं, बेकार इसके लिए उन्हें भी स्क्वीज़ का सामना क्यों नहीं करना पड़ता। कर्मचारियों ने सरकार से अपील की है कि उनकी नियुक्तियों को हटा दिया जाए और समाधान का रास्ता ढूंढ लिया जाए ताकि बिना किसी लाइसेंस के जारी रह सके।
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पहले प्रकाशित : 7 नवंबर, 2024, 16:23 IST