राजानंदगांव: जिले में किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब सीरिया में कम्युनिस्टों की मुलाकात की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। इसके लिए राजनांदगांव जिले में डिजिटल फसल सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस सर्वेक्षण के तहत किसानों की फसल की स्थिति का डिजिटल रूप में आकलन किया जा रहा है और इसके डेटा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। क्षति की स्थिति में किसानों को तत्काल बीमा और राशि निर्धारित की जाएगी।

डिजिटल गिरदावरी से सरकारी राहत
जिले के राजकुमार अतुल ने लोकेल 18 को बताया था कि पहले गिरदावरी नामकरण के रूप में किया जाता था, लेकिन इस बार इसे डिजिटल रूप में लागू किया गया है। राजनंदगांव तहसील को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है, जहां 88 क्षेत्र का डिजिटल सर्वेक्षण किया जा रहा है। अब तक 18 से 20 तक कश्मीर का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और इस कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य है। सर्वे में किसान का नाम, खसरा नंबर और अन्य जानकारियां दर्ज की जा रही हैं, जिससे किसी भी फसल क्षति की स्थिति में शीघ्र मिल सके।

337 सर्वेक्षक काम कर रहे हैं
डिजिटल क्रॉप सर्वे में 337 सर्वेक्षक शामिल हैं, जो व्यापारी की फसल की स्थिति का आकलन कर रहे हैं। कृषकों के अनुसार, सर्वेक्षण के परिणाम जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे, जिससे किसानों को बीमा और बिजनेस की प्रक्रिया तेजी से हो सके।

धान और अन्य फसलों का भी हो रहा सर्वे
राजनांदगांव में सिर्फ धान ही नहीं, बल्कि अन्य फसलों का भी डिजिटल सर्वे किया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान किसानों की फसलों की तस्वीरें और अन्य जानकारियाँ जारी की जा रही हैं। यह सभी डेटा वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है, जिससे कृषि बीमा का लाभ और राशि के किसानों को जल्द ही मिल जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट का फ़ायदा होगा
डिजिटल फसल सर्वेक्षण के माध्यम से किसानों को तत्काल फसल बीमा और किसानों का लाभ मिलने की उम्मीद है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल सहयोगियों से भविष्य में पूरे राज्य में इस प्रक्रिया को जोड़ा जा सकता है, जिससे किसानों को जल्द ही नुकसान हो सकता है।

टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, स्थानीय18

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