खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगौन जिले के किसान रबी के बीजारोपण में शामिल किये गये हैं। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ की सलाह है कि पारंपरिक डीएपी की जगह अब एनपीके मिश्रित असाधारण का उपयोग बहुत ही चमत्कारी साबित हो सकता है। एनपीके के मानकीकृत वर्गीकरण, एनपीके और पोटाश का मिश्रण होता है, जो फासल को बेहतर पोषण प्रदान करता है, जिससे उत्पाद की रैंकिंग होती है और भूमि की मानक क्षमता भी बनी रहती है।

विशेषज्ञ के अनुसार, डीएपी का उपयोग केवल विशेषज्ञ और तकनीशियन ही प्रदान करते हैं, जिससे फार्म की कुछ पोषण संबंधी आवश्यकताएं पूरी होती हैं। वहीं, एनपीके मानक में पोटाश की भी उपस्थिति है, जो कि जड़, ताना, और फूलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे निर्माण में सहयोग होता है और मिट्टी की सेहत भी बेहतर होती है।

मिट्टी का संतुलन भी बना रहता है
स्थानीय 18 से बातचीत में खरगोन कृषि विभाग के उप निदेशक एमएस द्रोणाचार्य का कहना है कि एनपीके ग्रेडिएंट का उपयोग बीजा की संपूर्ण पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है, जिससे न केवल बीजाणुओं का निर्माण होता है, बल्कि मिट्टी का संतुलन भी बना रहता है। डीएपी की तुलना में एनपीके मानक लंबे समय तक जमीन को बनाए रखा जाता है।

किस फ़सल में कितना उपयोग करें?
1. विवरण: खेत में 150-200 किलो प्रति हेक्टेयर एनपीके 12:32:16 का उपयोग करें। यह फसल की प्रारंभिक वृद्धि और दानों के विकास में मदद करता है।

2. चना: चने के लिए 100-125 किलो प्रति हेक्टेयर एनपीके 10:26:26 का उपयोग उपयुक्त है। यह फ़ासल की जड़ों को मजबूत बनाता है और उत्पाद को पुनः प्राप्त करता है।

3. सरसों: 120-150 किलो प्रति हेक्टेयर एनपीके 15:15:15 का उपयोग करें, जो सरसों और फूलों के विकास के लिए अद्भुत है।

एनपीके के प्रमुख फायदे

-बेहतर निर्माण: एनपीके का लघु उपयोग उद्यम पूरी तरह से पोषण प्रदान करता है, जिससे निर्माण में वृद्धि होती है।

– मिट्टी की स्वास्थ्यवर्धकता: पोटाश की उपस्थिति भूमि से उर्वरता बनी रहती है, जिससे लंबे समय तक खेती करना आसान होता है।

– लागत में कमी: एनपीके के उपयोग से गुणवत्ता की कुल मात्रा कम होती है, जिससे लागत भी कम होती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है।

विशेषज्ञ की सलाह है कि खरगोन के किसान अगर रबी सीज़न में एनपीके मानक का प्रयोग करते हैं, तो उन्हें मिट्टी की उर्वरता के साथ बेहतर निर्माण में भी सुधार देखने को मिलेगा। और यह मानक डीएपी की तुलना में अधिक साबित हो सकता है।

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