रमेश मौर्य, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर है. यहां बिलासपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जेल के अवशेषों के लिए याचिका पत्र दाखिल कर सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जेल डीजी को पत्र लिखकर पोस्ट के जवाब दिए हैं। उन्होंने सबसे पहले इन कलाकारों को भी इसमें शामिल किया था। ये सारे मामले जेलों में हो रही गैंगवार से जुड़े हैं. जेल प्रबंधन पर जेल प्रबंधन के प्रमुख न्यायाधीशों को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

मित्रता है कि, छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल से लेकर उपजेलों तक में जेल के बीच गैंगवार और बेरोजगारी हो रही है। इन मामलों को बिलासपुर उच्च न्यायालय ने स्वतः स्मरण किया है। कुछ दिन पहले सारंगगढ़ की उपजेल में रिजवान के बीच हुई थी। उसके बाद दशहरे यानी 12 अक्टूबर को बिलासपुर की सेंट्रल जेल में गैंगवार हुआ था। इस गैंगवार में एक कैदी ने विचार किया कि बंदी बंदी पर हथियार से हमला किया गया था। इसी तरह की घटना के बाद जेल में बंद जेल में बंद जेल की सलाखों के पीछे मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने पत्र लिखकर जेल की बंदी की याचिका दायर की। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से मामले की जांच, दोषसिद्धि पर कार्रवाई की मांग की।

कारावास के होटलों ने लगाया ये आरोप
जेल में बंद विराट घोटाले के आरोपी अनिल सिंह को जेल में बंद कर दिया गया। लोगों ने पत्र में आरोप लगाया कि अनिल सिंह के साथ मिलकर जेल में नशे का सामान बेचा जाता है। जेल में गांजे की एक पुड़िया 500 रुपये, बीड़ी 200 रुपये, तंबाकू 100 रुपये में शुरू हो रही है। ऐसे ही प्रतिबंधित प्रतिबंधित दवा नाइट्रा की एक गोली 100 रुपये में बेचने का भी आरोप लगाया गया है. पत्र में किसी की गुणवत्ता की शिकायत भी दर्ज की गई थी। जेल में अच्छा खाना खाने के लिए 3500 रुपये हर महीने अलग से मिलते हैं। इसके लिए जेल में बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले जेल प्रहरी आलोक खरे से मिलना जरूरी है।

इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग
किले के अवशेषों में पत्र में आरोप लगाया गया है कि सेंट्रल जेल में किले के सरदार से जुआ-सट्टा चल रहा है। जेल में नशे के सारे सामान आसानी से कैद और बंदियों को मिल रहे हैं। इसके लिए सिर्फ उन्हें कई गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। बता दें, जेल में बंद 18 बंदियों के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक, चक्कर नंबरदार और जेल प्रहरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पत्र जारी किया है। इस पर उच्च न्यायालय ने नाममात्र लिया है। केस में चीफ जस्टिस राकेश सिन्हा और जस्टिस बीड़ी गुरु की डिवीजन बेंच ने डीजी जेल से शपथ पत्र मांगा है।

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