रायपुर. छत्तीसगढ़ में विकास की गति को तेज करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी विकास योजनाओं को निःशुल्क हाथ दिया है। हर 6 महीने में इंजीनियर के काम के आधार पर समीक्षा होगी। फिर इसके आधार कार्ड रिपोर्ट से सरकार की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो टुकड़े के लिए सबसे अच्छा सिद्धांत दिया गया है। मुख्यमंत्री साय के साफ निर्देश हैं कि वे अपने विभाग और पदाधिकारियों को विकास के पैमाने पर बढ़ावा दें। साथ ही जनसमस्याओं को भी क्षेत्रीय स्तर पर स्टोन की ओर ध्यान दें।
यही कारण है कि अब सभी मंत्री अपने बेहतर पोर्टफोलियो के लिए विकास कार्यों और सरकारी घोषणापत्रों पर फोकस कर रहे हैं, तो वहीं जिले में भी लगातार सक्रियता से नजर रख रहे हैं, ताकि उनकी रिपोर्ट सीएम और संगठन के स्तर पर बेहतर हो।
ये है सीएम के इंजीनियर को फ्री हैंड डिलीवरी की बड़ी वजह
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का फोकस ओबामा के साथ लेकर चलने की नीति पर है। सीएम का मानना है कि फ्री हैंड से मंत्री अपना पद छोड़ें और बेहतर तरीके से खेलें। विभाग और क्षेत्र की परिभाषा के साथ जनता की छोटी से छोटी समस्याओं पर ध्यान दिया जा सकता है। सरकार के कार्यकलापों को भी बेहतर बनाया जा सकता है।
कांग्रेस सरकार में सीएम सीएम सत्या बनी थीं अंतर्कलह की वजह
राजनीतिक विपक्ष की राय तो पूर्व कांग्रेस सरकार में सीएम नीतीश कुमार अंतर्कलह की वजह बनी थी। जिस तरह से राज्य में पूर्व सीएम वल्लभ भाई पटेल की केंद्रीय सत्ता रही, मंगोलिया के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में सामने आती रही थी। पूर्व सरकार की विफलता की वजह से सरकार में गतिरोध भी काफी बढ़ गया है।
समीक्षा के साथ-साथ खामियां भी हो रही दूर: सीएम बोले
News18 ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव कहते हैं कि ‘मंत्रियों को मुक्तहस्त’ और ‘रिपोर्ट कार्ड’ के आधार पर भविष्य की जिम्मेदारी तय होने का सवाल है। तो उन्होंने कहा कि विकास के काम को आगे बढ़ाएं, सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम चल रहा है। कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई है. काम के आधार पर समीक्षा की जा रही है। ये भी होगा.
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मुख्यमंत्री पहले अपने विभाग की समीक्षा करें: भोला-भाला
यहां इंजीनियर के फ्रीहैंड और कॉन्स्टैंट अलगाव की समीक्षा मामले में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोल दिया है. पूर्व सीएम बेलगाम ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सबसे पहले सीएम के पास जो विभाग होता है, उसकी समीक्षा होनी चाहिए। शिक्षा, खनन, शराब जैसे मुद्दों पर सरकारी विफलता नजर आ रही है। लगातार गठबंधन के बीच भाजपा किस मुंह से सुशासन के दावे कर रही है, जब लोगों को न्याय ही नहीं मिल रहा है।
विश्लेषणात्मक श्लोक पर खरे उतर की चुनौती
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय काम को लेकर जिस तरह से सीढ़ियों में नजर आ रहे हैं, अब दिव्यांग दिव्यांगों के सामने खड़े होकर उतरने की चुनौती जरूर है। हालाँकि जिम डेरीज़ के तय होने का निर्णय आने वाले समय में रिपोर्ट कार्ड के आधार पर होगा।
पहले प्रकाशित : 29 सितंबर, 2024, 13:05 IST