मुंबई, 17 जुलाई (आईएएनएस): जनवरी से जुलाई तक राज्य में जीका वायरस के 25 मामले सामने आने के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को नागरिकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं, लेकिन साथ ही किसी भी बुखार को हल्के में न लें और नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाएं, जहां सर्वोत्तम निदान और उपचार मुफ्त उपलब्ध है।
जीका वायरस के कुल 25 मामलों में से 21 मरीज अकेले पुणे शहर में पाए गए हैं।
सरकार ने जीका रोगियों की जांच करने वाले निजी चिकित्सा पेशेवरों से कहा है कि वे रोगियों के रक्त के नमूनों की जांच राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे से कराएं।
सरकार की यह अपील केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल द्वारा महाराष्ट्र में जीका मामलों के मद्देनजर राज्यों को जारी किए गए परामर्श के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें निरंतर सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया था।
उन्होंने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान निगरानी को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने को कहा है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनी पूरी मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है तथा एकीकृत कीट प्रबंधन के माध्यम से एडीज मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपायों को लागू किया जा रहा है।
जन स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “निवारक उपायों में, तीव्र बुखार सर्वेक्षण अभियान के तहत मरीजों के 3 से 5 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्वेक्षण कर रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं। इन उपायों में गर्भवती महिलाओं के रक्त के नमूनों की जांच, लक्षणों के आधार पर सभी मरीजों का उपचार और गर्भवती महिलाओं तथा प्रजनन योग्य दम्पतियों को मार्गदर्शन देना भी शामिल है।”