बिलासपुर: गजरा चौक से शारदा मंदिर तक की करीब 700 मीटर लंबी रेलवे सड़क पिछले तीन वर्षों से जर्जर स्थिति में है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो-दो फीट गहरी कंक्रीट वाली इस सड़क पर आए दिन कई हादसे हो रहे हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन के मलबे की स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। इस सड़क से नगर निगम वार्ड-12 और सिरगिट्टी, कोरमी, बसिया, हरदीकला, सिलपहरी सहित लगभग 10 के लोग प्रतिदिन रहते हैं।

स्थानीय लोगों की आर्थिक समस्या
स्थानीय निवासी गणेशिया ईसाइयों ने बताया कि सड़क की हालत इतनी खराब हो गयी है कि लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है. कई बार नोटबंदी हो चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बिजली और पानी की यादें भी बनी हुई हैं और सड़क पर रोशनी न होने के कारण रात में दुर्घटनाएं हो गई हैं।

सड़क कब्जा की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं
ग्रामीण सोम पैंडेज़ ने बताया कि वे कई बार रेलवे प्रशासन से सड़क की सफाई के लिए शिकायत करते हैं, लेकिन उन्हें हर बार सिर्फ सहमति ही मिलती है। ग्राउंड पर अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे अवशेषों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

विध्वंसक की पहली भी शुरुआत
वार्ड क्रमांक-10 के पुष्पेंद्र साहू ने रेलवे अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर सड़क की सफाई करने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही काम शुरू नहीं हुआ, तो आंदोलन का रास्ता अपना लेना. पहले भी इस सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रदर्शन और विरोध के बाद भी समाधान नहीं
पिछले साल बारिश के दौरान स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था और रेलवे के डी.आर.ओ. ऑफिस को बंद कर दिया था। इसके बाद सड़क पर थोड़ी गिट्टी डाल दी गई, लेकिन असल वसूली कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। बारिश का गायब होना अधिकारी के काम को टाल रहे हैं।

रेलवे की भारी गाड़ियों ने सड़क की हालत खराब कर दी
पिछले वर्ष रेलवे लाइन सुपरमार्केट के दौरान भारी सामाज के बैंड ने पहले सड़क को क्षतिग्रस्त और खराब कर दिया था। मिट्टी, रेत और गिट्टी के परिवहन ने सड़क को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। दुर्गोत्सव में छोटे अवशेषों की कोशिश करने के लिए दुर्गोत्सव ने लघु रूप दिया, लेकिन यह उपाय स्थिर नहीं है।

मैरीमाई तालाब की भी दुर्दशा
सड़क की समस्या के साथ-साथ मरीमाई तालाब की भी स्थिति बेहद खराब है। लंबे समय से तालाब की सफाई नहीं हुई है और स्कूल से बाहर चला गया है। तालाब की पचरी में भी खंडहर हो गया है, जहां छठ पूजा और भोजली विसर्जन में परेशानी हो रही है। बिल्डिंग ने तालाब की सफाई की मांग को भी मंजूरी दे दी है। रेलवे प्रशासन के इस दल से स्थानीय लोगों में सबसे ज्यादा बढ़ रहा है और अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यहां एक बार फिर से आंदोलन की संभावना बन सकती है।

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