बिलासपुर: त्योहारों का सीजन शुरू होने के साथ ही एक बार फिर बिलासपुर में मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाला नकली मावा (खोवा) का खतरनाक भंडार आ रहा है। हर साल की तरह इस बार भी आगरा, मथुरा और अन्य राज्यों से बंद बोरियों में नकली मावा आने की संभावना है। इस मिठाईयों की गुणवत्ता और स्वाद के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। रेलवे रेलवे रोजाना 100 से ज्यादा बोरियों में छत्तीसगढ़ के विभिन्न अछूतों में खोवा रीच जा रहा है। इसे बिलासपुर सहित आसपास के अन्य अछूतों में भी भेजा जा रहा है।

बाहरी राज्यों से आ रहा है मावा
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर रोडवेज, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के माध्यम से बड़ी मात्रा में खोवा पहुंच रहा है। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर एसोसिएशन के माध्यम से भी खोवा की आपूर्ति की जा रही है, जो बाजार में मिठाई बनाने के लिए उपयोग की जा रही है। स्थानीय स्थानीय लोगों द्वारा अन्य साँचे में भी यह खोवा भेजा जा रहा है, जिससे त्योहारी सीजन में मिठाइयों की गुड़ाई पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

चौकन्ना नहीं है फ़ार्महाउस डिपार्टमेंट
इस समस्या से निपटने के लिए बिलासपुर के कलेक्टर अवनीश शरण ने खाद्य एवं औषधि विभाग से तत्काल जांच करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे खाद्य भंडार और रेस्तरां के सामग्री की जांच का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद अब तक जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जिससे खाद्य विभाग के कार्य पर सवाल उठ रहे हैं।

उत्पाद से उत्पाद की जांच
कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि त्योहारी सीजन में मिठाइयों और अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने पोर्टफोलियो पासपोर्ट और उनकी टीम के लिए सख्त निर्देश दिए हैं कि वे पासपोर्ट पासपोर्ट और रेस्तरां से लेकर पासपोर्ट तक की जांच करें। रिपोर्ट आने के बाद, दोषी पाए जाने पर लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्राहक बीमार हो सकता है
त्योहारों के सीजन में नकली मावा के इस्तेमाल से बनने वाली मिठाई की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। खाद्य विभाग की जांच में विस्तार से बताया गया है कि यह खतरा और भी बढ़ सकता है। नकली मावा के सेवन से खाद्य पदार्थ पी.पी. डायग्निशन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं। इस मामले में प्रशासन की सावधानी और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।

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