बिलासपुर: कहानी है बिलासपुर के रहने वाले रवि कुमार यादव की। रेल दुर्घटना के बाद उनका पूरा जीवन ही बदल गया। यह घटना 2 साल पहले घटी थी। रवि कपूर बिलासपुर से आ रहे थे. दुर्घटना में वे दोनों पैर गँवा दिये। बड़ी दुर्घटना की घटना रवि ने कभी नहीं मानी मनी। अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के दम पर एक नई शुरुआत की। आज रवि के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 1.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

सोशल मीडिया सहारा बना
ट्रेन दुर्घटना के बाद करीब दो महीने तक अस्पताल में रहने के बाद रवि का इलाज घर पर जारी रहा। इस दौरान वो चल-फिर नहीं सकते थे, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाकर अपने लोगों तक का फैसला लिया। रवि ने खुद से वीडियो बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे उनका वीडियो वायरल हो गया। लाखों लोग उनके वीडियो को देख रहे हैं, जिससे रवि को काफी आपत्तिजनक मिला।

व्लॉगिंग ने बदल दी दी जिंदगी
रवि ने बताया कि वह अपने और परिवार के सदस्यों के साथ साझा किए गए पलों को वीडियो के माध्यम से साझा करते हैं। उनके दोस्त और परिवार वाले भी उनके वीडियो का हिस्सा होते हैं, जिससे उनके वीडियो को काफी पसंद किया जाता है।

पत्नी और दोस्तों का सहयोग
रवि की पत्नी नीरा यादव ने कहा, ‘जब मेरे पति वीडियो बनाते हैं तो उन्हें काफी गर्व महसूस होता है। मैं चाहता हूं कि रवि इसी तरह के बेहतरीन वीडियो शेयर करते रहें और अपने काम से लोगों को प्रेरित करते रहें।’ रवि के मित्र संदेश कुमार ने यह भी बताया कि वो रवि को वीडियो बनाने में मदद करते हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

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लोगों ने उड़ाया मजाक
शुरुआत में रवि को कई आलोचनाएं और मजाक का सामना करना पड़ा, लेकिन वे अपने सफर का हिस्सा नहीं बन पाए। रवि का ध्यान हमेशा अपने काम पर रहता है। न की सवाल पर. उनके इसी उद्देश्य और प्रयास ने उन्हें सोशल मीडिया पर 1.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स दिलाए। रवि का मानना ​​है कि उनकी पहचान उनकी कमजोरी से नहीं, बल्कि उनके द्वारा बनाई गई जगह से होनी चाहिए और इसी दिशा में वह लगातार मेहनत कर रहे हैं।

समाज को जोड़ना चाहते हैं ये संदेश
रवि को कई ऑफ़लाइन बैटिंग मंच के विज्ञापन के प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। उनका मानना ​​है कि जुआ एक सामाजिक बुराई है, जो गरीब परिवार को प्रभावित करता है। उन्होंने सभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सैट क्रिएटर्स से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से दूर रहें, ताकि समाज में सही संदेश जा सके। वो केवल स्टोर और व्यक्तिगत फर्मों के विज्ञापन करते हैं, जिससे वो प्रति माह 15 से 20 हजार रुपये कमाते हैं।

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