सुसाइड नोट में लिखा था कि पारसराम पहले टेलरिंग का काम करते थे और समिति समिति के अध्यक्ष शशि देवांगन उन्हें काम पर रखने के नाम पर लक्षाराम ले आए थे। अब वह उन्हें काम से निकालने की योजना बना रहे थे, जिससे वे मानसिक दबाव में थे।
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सुसाइड नोट में लिखा था कि पारसराम पहले टेलरिंग का काम करते थे और समिति समिति के अध्यक्ष शशि देवांगन उन्हें काम पर रखने के नाम पर लक्षाराम ले आए थे। अब वह उन्हें काम से निकालने की योजना बना रहे थे, जिससे वे मानसिक दबाव में थे।
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