बिलासपुर. बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के खमतराई, अशोकनगर की सरकारी जमीन पर वर्षों से रह रहे 100 से अधिक परिवारों के सामने अब बेदखली का बड़ा संकट मंडरा रहा है। प्रशासन ने यहां के अवैध कब्जों को हटाने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे इन परिवारों की रोजी-रोटी और बच्चों की शिक्षा पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में प्रभावित परिवार ने जिला पदासीन कार्यालय का रुख किया और अपने खाते में मंजूरी दे दी। उनका कहना है कि अगर उन्हें बेदखल कर दिया जाता है, तो उनके बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा और वे सड़क पर जीवन जीने को मजबूर हो जाएंगे।
प्रभावित लोगों को प्रशासन ने मांग की है कि बेदखली से पहले उन्हें वैकल्पिक आवास की व्यवस्था दी जाए, ताकि उनका जीवन सामान्य रह सके। वहीं, कुछ निवासियों ने सरकार से लीज स्ट्रिप की अपील की है। प्रशासन ने खमतराई के कई परिवारों पर अवैध कब्जे के तहत कार्रवाई की है। साथ ही, अवैध रूप से पकड़े गए लोगों के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया है। प्रशासन के इस कदम से प्रभावित परिवार में भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बेख़ौफ़ से रोज़ी-रोटी और शिक्षा पर संकट
खमतराई के निवासी, जो मठ बनाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, उनका कहना है कि बेदखली की हरकत से उनके अपहरण और बच्चों की शिक्षा पर संकट आ जाएगा और अगर उन्हें नामांकित किया गया, तो उनके बच्चों की पढ़ाई रुक जाएगी और उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा।
चंचलता का आरोप
प्रभावित परिवार का आरोप है कि कुछ लोगों ने उन्हें खाली पेटी बनाने की धमकी दी थी। जब उन्होंने इसे अस्वीकृत कर दिया, तो उनके खिलाफ प्रशासन में याचिका दायर कर दी गई। विपक्ष में अवैध जमीन की जमीन-बिक्री का आरोप लगाया गया है, जबकि वहां बिना किसी वैध आधार के लोग रह रहे हैं।
असली की मांग
प्रभावित परिवार ने जिला प्रशासन से रजिस्ट्री की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक कोई मेटल सॉल्यूशन नहीं बनता, तब तक उन्हें वहीं रहने दिया जाता है। साथ ही कुछ निवासियों ने भी लीप डीकेट कीजातियों की सूची बनाई, ताकि उनका जीवन सुरक्षित हो सके।
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पहले प्रकाशित : 19 अक्टूबर, 2024, 11:30 IST