रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा में सूरज दीन हरभूखन पंसारी की दुकान है। इस दुकान के बारे में यहां हर कोई जानता है, क्योंकि अगर किसी को आयुर्वेद की कोई दवा चाहिए तो इस दुकान से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। 100 साल पहले हुई थी इस दुकान की शुरुआत. दुकान मालिक का दावा है कि हमारी दुकान पर संजीवनी बूटी भी उपलब्ध करायी गयी है. आज के समय में यह दुर्लभ बूटी है, जो बहुत ही मुश्किल से मिलती है। फिर भी हम इसे उपलब्ध कराते हैं, क्योंकि हमारी दुकान के लोगों से भी यही उम्मीद है.
राजा-महाराजा के समुद्र तट से रीवा जड़ी-बूटी एवं औषधि का एक प्राचीन केंद्र है। यह केंद्र अब औषधालय में स्थित है, जहां सभी तरह की मर्ज की दवा दी जाती है। दूर-दूर से लोग यहां वो दवा दवा लेने आते हैं, जो उन्हें कहीं और आसानी से नहीं मिलता। इस दुकान में पुरानी से पुरानी स्वास्थ्य-बूटियाँ और औषधियाँ आसानी से मिल जाती हैं। रीवा के फोर्ट रोड पर घोड़ा क्रॉस रोड से 500 मीटर की दूरी पर इस दुकान की शुरुआत 100 साल पहले सूरज दीन हरभूख पंसारी द्वारा की गई थी।
मुफ़्त में परामर्श भी
तब सूरज दीन आयुर्वेद की दवा की मदद से लोगों को राहत मिली। इसके बाद इस दुकान को उनके बेटे शर्मन लाल पंसारी संभालते थे। अब यह दुकान उनके द्वारा संचालित की जा रही है। इस दुकान की सबसे बेहतरीन और खास बात ये है कि यहां आयुर्वेद डॉक्टर से बात करके इलाज भी किया जाता है। संबंधित बीमारी को लेकर परामर्श दिया जाता है। इलाज और परामर्श पूरी तरह से मुफ़्त है।
संजीवनी का मिलना मुश्किल
वहीं, आयुर्वेद के डॉक्टर दीपक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि संजीवनी बूटी का मिल पाना अब बहुत मुश्किल है। हालाँकि, उनके जैसे गुण वाले दिल आज भी बाजार में अलग-अलग स्वादों से मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि असली ऐसी ही बूटियां लुप्त हो रही हैं। इसका इतना दोहन हुआ कि उत्पाद खत्म होने की कगार पर है। हालाँकि, कुछ जगहों पर आज भी दुर्लभ हार्ट बूटियाँ मिलें मिलती हैं। ये हार्ट बूस्टियां इम्यूनिटी पावर को बढ़ाती हैं, जिससे शरीर से बीमारियां दूर होती हैं।
पहले प्रकाशित : 8 नवंबर, 2024, 21:32 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।