कोरबा: कमजोरी को ही ताकत बना लिया जाए, तो जिंदगी की सारी ताकत कम हो सकती है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में रहने वाली अभिनेत्री मीनाक्षी रत्नपारखी भी कुछ ऐसी ही कर रही हैं। वो गूंगे-बहरे और दृष्टिहीन बच्चों को पढ़कर अपनी जिंदगी संवारने का काम कर रही हैं। अपनी कमज़ोरी को ही बन्धु समाज में एक अद्भुत मिसाल पेश कर रही हैं।
कमाल है ये टीचर की कहानी
मीनू डॉ. राजेंद्र प्रसाद नगर के निवासी और दिव्य ज्योति स्कूल में शिक्षक हैं। उन्हें बचपन से ही आंखों की समस्या थी, जिसमें वह कागजात को पढ़ने में असहाय बने हुए हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपने परिवार की मदद से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद उनकी शादी हो गई और वह कोरबा चले गए। धीरे-धीरे उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई, लेकिन इस मुश्किल के बावजूद उन्होंने पैसा नहीं कमाया।
ब्रेल लिपी में पढ़ाई कर बनीं आत्मनिर्भर
आँखों की रोशनी जाने के बाद मीनाक्षी को पता चला कि ब्रेल लिपी के माध्यम से दृष्टि में बच्चों को शिक्षा दी जाती है। इस दिशा में पढ़ाई करने की इच्छा को देखते हुए उनके पति मनोज रत्नपारखी ने भरपूर सहयोग किया। उन्होंने ब्रेल लिपी में शिक्षा ग्रहण की और डिग्री भी हासिल की। इसके बाद मीनाक्षी ने दृष्टिहीन बच्चों को पढ़ना शुरू किया और अपनी कमजोरी को हरा दिया।
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शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संदेश
मीनाक्षी ने कहा कि आंखों से न देखने के कारण उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन शिक्षा की मदद से उन्होंने आत्मनिर्भरता का सपना साकार किया। आज वह अपने ज्ञान और परिश्रम से न केवल खुद को आत्मनिर्भर बना रहे हैं, बल्कि गूंगे-बहरे और दृष्टिहीन बच्चों को भी आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे इन बच्चों का भविष्य संवारा जा सकता है।
बच्चों के लिए विशेष दिशानिर्देश
वो चाहते हैं कि दृष्टिबाधित और मूक बधिर बच्चे की पढ़ाई करके आत्मनिर्भरता हासिल करें। उन्होंने कहा, ‘इन बच्चों की जिंदगी में कई मिसालें होती हैं, लेकिन अगर उन्हें सही दिशा मिल जाए तो वो भी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।’ आज ऐसे कई संस्थान हैं, जहां दृष्टिबाधित और मूकबधिर बच्चे बेहतरीन काम कर रहे हैं। ‘शिक्षक-शिक्षित आत्मनिर्भर बन रहे हैं।’ मीनाक्षी की यह कहानी एक शानदार उदाहरण है कि किस तरह की शिक्षा और आत्मबल के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है।
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पहले प्रकाशित : 27 सितंबर, 2024, 13:34 IST