आकाश शुक्ला

रायपुर. छत्तीसगढ़ के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस डिग्री पर फ्रॉड प्रवेश मामले में विष्णुदेव कहते हैं सरकार सख्त नजर आ रही है। NEWS18 के एनआरआई प्रवेश फर्जीवाड़े की खबर प्रमुखता से उठाने के बाद राज्य सरकार ने मामले को सामान्य में लिया है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर राज्य सरकार ने अटॉर्नी जनरल से अनुमति की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद लिया गया फैसला. मामले को लेकर NEWS18 ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से बात की. उन्होंने कहा कि एनआरआई कोटे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अटॉर्नी जनरल से सरकार से सलाह मांगी है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन अधिकारी। एटर्नी जनरल से चर्चा हुई है. जल्द ही इस पर निर्णय लें.

मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने एनआरआई कोटे के नाम पर प्राइवेट मेडिकल स्टूडियो के फर्जी दस्तावेजों से लेकर प्रवेश द्वार की याचिका में कहा कि अगर प्राइवेट मेडिकल स्टूडियो में बाल के बराबर भी सामान खराब हुआ तो निश्चित ही कार्रवाई होगी।

सरकार कैसे बदलेगी नियम, जानें

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सचिव दस्तावेज़ तैयार करेंगे। इसे स्वास्थ्य मंत्री के सामने पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के मंज़ूरी के बाद राज्य सरकार के राज्य पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के आधार पर बदले नियम प्रकाशित किये जायेंगे। इसके बाद नए नियमों के तहत मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।

छत्तीसगढ़ में एनआरआई से मेडिकल पोस्टकार्ड में प्रवेश के मामले इस प्रकार हैं

बता दें कि मेडिकल प्लास्टर में कुल मेडिकल सुपरमार्केट का 15 फीसदी एनआरआई कोटे के लिए होता है। इसमें एनआरआई कोटे के नाम पर लेकर चाचा, बट, नाना, नानी जैसे और अन्य दूर के राज के रिश्ते को फर्जी आधार पर ब्रेक दिया गया, एनईईटी में कम अंक वाले छात्रों को मोटी पैर की अंगुली दी गई, जबकि 24 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। निर्णय था. इसमें एनआरआई से भाषा बबीना के नाम पर कोर्ट में प्रवेश के दौरान साफा ने कहा था कि फ्रॉड और गलत दोषी है।

ये भी पढ़ें: एनआरआई कोटे से एमबीबीएस कोर्स में फ्रॉड सीजन, 100 करोड़ का खेल, सिंडिकेट को फ़ायदा, सुप्रीम कोर्ट के नियम तय

छत्तीसगढ़ में कोर्ट का आदेश अब तक लागू नहीं

यह आदेश पूरे देश में लागू हो गया. फिर भी छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 27 सितंबर 2024 को एमबीबीएस के पुराने नियमों से ही एमबीबीएस पाठ्यक्रम का पूरा विवरण जारी कर दिया। शिकायत है कि प्राइवेट मेडिकल कंपनियों को फ़ायदा उठाने के लिए एक बड़ी लॉबी सिंडिकेट की तरह काम कर रही है, जिसके माध्यम से पूरे सिस्टम को अनारक्षित किया जा रहा है। शेयर बाजार में करोड़ों रुपए के वारे न्यारे करने का खेल भी चल रहा है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। इसी तरह रैम्स रायपुर में 150 मंजिल, श्री रावतपुरा सरकारी मेडिकल कॉलेज रायपुर में 150 मंजिल, श्री रावतपुरा सरकारी मेडिकल कॉलेज रायपुर में 150 मंजिल हैं। वहीं अभिषेक मिश्रा मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें हैं। इस तरह से कुल 700 नामांकन में 15 प्रतिशत के हिसाब से 105 नामांकन पर एनआरआई कोटे से प्रवेश हो रहा है, जिस पर प्रश्न उठ रहे हैं।

टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, एमबीबीएस छात्र, रायपुर समाचार

Source link