बिलासपुर हाल ही में हुई एक घटना में कानून-व्यवस्था की प्रति जिम्मेदारी और विश्वसनीयता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। यह घटना तब हुई जब छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में पुलिस कप्तान रजनीश सिंह और जिलापाल अवनीश शरण एक सरकारी कार्यक्रम में डॉक्टरों की गाड़ी से भाग लेने जा रहे थे। उनके पीछे पुलिस कप्तान के वाहन चालक अपने वाहन चला रहे थे। जैसे ही डॉक्टर की गाड़ी सत्यम चौक के पास के सिग्नल और सिग्नल पार हो गए, तुरंत बाद सिग्नल लाल हो गए, लेकिन पुलिस के ड्राइवर की गाड़ी ने इसे मंजूरी देते हुए सिग्नल जंप कर दिया।

यह घटना आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड क्रोमियम क्रोम सिस्टम) के कैमरों में रिकॉर्ड की गई और जैसे ही पुलिस अधीक्षकों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने बिना किसी देरी के तत्काल कार्रवाई की। पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने ऑनलाइन 2000 रुपये का रिकॉर्ड भरा और लाइब्रेरी स्टेशन से उसकी रसीद भी प्राप्त की। इसके साथ ही उन्होंने अपने वाहन चालकों को वाहन चालकों का पालन करने की अनुक्रम निर्देश दिया।

पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस घटना के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश दिया कि कानून सभी के लिए समान है। अगर वह किसी व्यक्ति या आम नागरिक से जुड़ा है, तो कानून का उल्लंघन किसी भी स्थिति में नहीं होता है। इस कदम से उन्होंने न केवल कानून का सम्मान किया, बल्कि यह भी साबित किया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी वैधता से ऊपर नहीं हो सकता।

पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने सभी नागरिकों से यह अपील की है कि वे सभी कर्मचारी इसका पालन करें, क्योंकि “ऊपर वाला सब देख रहा है।” इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जब सरकारी अधिकारी खुद कानून का पालन करते हैं, तो उनका संदेश जनता के बीच और भी प्रभावशाली होता है।

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