राम नगर. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सफारी के रेट्स तीन गुना तक बढ़ा दिए गए हैं. सैर महंगी होने का सीधा असर पर्यटन पर पड़ा और यहां सैलानियों की संख्या एकदम कम हो गयी. कॉर्बेट पार्क की सफारी से आमजन दूर हो गए हैं. अब इस पर बहस छिड़ी हुई है. जबकि विभाग कह रहा है कि बढ़ती महंगाई के साथ हर साल सफारी के रेट बदले जाते हैं.
उत्तराखंड वन विभाग ने इस साल अपने सभी इको टूरिज्म क्षेत्रो में सफारी और नाइट स्टे की दरों में बढ़ोतरी की है. इसका सबसे ज्यादा असर जिम कॉर्बेट पर पड़ा है. यहां डे विजिट के सफारी के रेट तीन गुना से ज्यादा बढ़ा दिए गए हैं. नाइट स्टे में यह वृद्धि डेढ़ गुने तक की गई है. वन विभाग का कहना है 14 साल बाद रेट बढ़ाये गए हैं. इसलिए यह अधिक लग रहे हैं. अब हर साल में एक सर्टेन परसेंटेज में बढ़ोत्तरी की जाएगी. जिससे धीरे धीरे रेट बढ़ते रहेंगे ताकि लोगों को भी यह ज्यादा नहीं लगेंगे.
फिर वन्यजीव का संरक्षण कैसे होगा
वन्यजीव प्रेमी इन रेट्स को बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है नेशनल पार्क, टाइगर रिज़र्व और वन्य जीव विहार जैसे वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र में इस तरह की रेट वृद्धि उचित नहीं है. क्योंकि इन जगहों में सफारी वन एवं वन्यजीवों के प्रति लोगों मे संरक्षण का संदेश देने के लिए होती हैं. अगर सफारी के दाम इतने बढ़ा दिए जाएंगे तो आम जनता कैसे यहां आएगी. ये वन्य जीव संरक्षण की परिकल्पना के विपरीत है.
दोहरी मुसीबत
कभी वन्य जीवों के लिए बनाए गए यह आरामगाह आज वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए मुफीद साबित हो रहे हैं. लेकिन अब एक तरफ वन विभाग के सामने इनके रखरखाव का जिम्माद जो महंगाई बढ़ने के कारण महंगा होता जा रहा है. दूसरी तरफ शुल्क वृद्धि के कारण स्थानीय और आम लोगों की यहां आवाजाही कम हो जाएगी.
.
Tags: News18 UP Uttarakhand, Wildlife news in hindi
FIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 16:17 IST
You must be logged in to post a comment.