रिपोर्ट : अनूप पासवान
कोरबा। रेखा कुजूर आज महिला व्यवसायी बनने की ओर जा रही हैं। एक समय था जब परिवार के खास खाने के कारण पड़ जाते थे। संपत्ति के नाम पर माता-पिता घर और गांव के अलावा दो एकड़ बंजर भूमि थी। स्थिति यह थी कि परिवार के सामने घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं थे। इलाज के लिए भी कर्ज लेना पड़ा। अब उनके परिश्रम से अच्छे दिन आने वाले हैं।
रेखा कुजूर ने बताया कि खर्च निकालने से साल भर में 3 से 5 लाख की आय हो जाती है। एक बेटी रायपुर में कृषि कल्चर की पढ़ाई कर रही है। रेखा का कहना है कि कृषि संबंधी दिशा में भविष्य बेहतर है। एक ही जगह पर बकरी, बकरी, बत्तख, शुभ, मछली और काजू, आम सहित अलग-अलग 10 प्रकार की पर्यटक रेखा अब देखने लगी हैं। करतला ब्लॉक के ग्राम समुद्र की रहनेवाली रेखा कुजूर अपने पति अब्राहम के साथ रहती है।
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रेखा कुजूर ने अपनी काबिलियत को हासिल किया और 2 एकड़ बंजर जमीन में बहुउद्देशीय खेती-बाड़ी शुरू की। खेत में आम, काजू व नीबू के तंत्र, ताकि परिवार लंबे समय तक सीजन में फल मिले और आय हो। कुजूर दंपती की मेहनत के सुखद परिणाम एक साल में दिखने लगे। बंजार भूमि में जहां समझौते लग गए। वहीं जमीन में नीचे अंतरवर्ती फसल लहलहाने लगी। इसी तरह पशुपालन भी करने लगीं. बत्तख, बकरी, मुर्गी, मछली सहित पशुपालन कर इसकी बिक्री कर ग्रामीण क्षेत्र में एक सफल व्यवसाय बनने की ओर गिने हैं।
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पहले प्रकाशित : 23 मार्च, 2023, 15:43 IST