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पीरियड के दिनों में स्टेन्स और हैवी फ्लो से बचने के लिए महिलाएं मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग करने लगी हैं। बढ़ रही विश्वसनीयता के चलते लोगों के मन में मेंस्ट्रुअल कप को लेकर कई सवाल पैदा हो रहे हैं। इसके इस्तेमाल के तरीके से लेकर इसके साइज़ तक को लेकर महिलाएं असमंजस में रहती है। पीरियड के दिनों में महिलाएं अपने साइज़ और फ्लो के हिसाब से पैड का इस्तेमाल करती हैं। उसी प्रकार मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) के साइज को लेकर होने वाली दुविधा को दूर करने के लिए इसके बारे में जानकारी हासिल करना आवश्यक है। जानते हैं मेंस्ट्रुअल कप के प्रयोग के लिए उसके साइज़ का चयन किस आधार पर करें (menstrual cup size)।
सेनेटरी पैड से ज्यादा फायदेमंद है पीरियड में मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल (Benefits of menstrual cup)
1. ये इको फ्रेंडली हैं (Eco friendly)
बार बार पैड को खरीदना और फिर इस्तेमाल के बाद डिस्पोज़ करना। कहीं न कहीं पर्यावरण के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इस समस्या से बचने के लिए मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग करना फायदेमंद रहता है। इसे आप धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. संक्रमण का खतरा नहीं
लंबे वक्त तक पैड चेंज न कर पाने से इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। ऐसे में कप को अच्छी तरह से धोकर प्रयोग करती हैं, तो संक्रमण से बच सकते हैं। इसके अलावा दुर्गंध, रैशेज और इचिंग की समस्या से भी बचा जा सकता है।
3. दाग लगने की संभावना कम
मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल में पूरी तरह से सेफ है। इसे योनि में डालने के बाद ये एक सील बना देता है। जो पूरे तरीके से सुरक्षित साबित होता है। आप चाहें, तो इसे पहनकर स्वीमिंग, रनिंग और साइकलिंग भी कर सकते हैं। पहनने के बाद सीलबंद हो जाने के बाद दाग लगने का खतरा कम हो जाता है।
4. लंबे वक्त तक चले
आपको मेंस्ट्रुअल कप के साथ किसी भी प्रकार के बैकअप प्लान की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसके चलते आप एक ही कप को लंबे वक्त तक प्रयोग कर पाते हैं। कप को धोकर पूरी तरह से क्लीन करके आप इसका दोबारा से प्रयोग कर सकते हैं।
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मेंस्ट्रुअल कप को कैसे चुनें (How to select menstrual cup)
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शिवानी कपूर का कहना है कि अगर आपकी उम्र 35 वर्ष से ज्यादा है। तो ब्लड फ्लो के हिसाब से मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) का चयन करें। सिलिकॉन और रबड़ से तैयार होने वाले ये मेंस्ट्रुअल कप दो साइज़ में उपलब्ध हैं। पहला है 1 और ए साइज़। वहीं दूसरा है 2 और बी साइज। जो ए के मुकाबले ज्यादा बड़ा होता है। वे महिलाएं जो प्रेगनेंसी से गुज़र चुकी हैं। उन्हें भी बड़ा साइज़ इस्तेमाल करना चाहिए। कम उम्र की लड़कियों और प्रेगनेंट न हुई महिलाओं को छोटे साइज़ का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
इस आधार पर करें मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) का चुनाव
1. सर्विक्स हाइट
मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) को खरीदने से पहले अपनी सर्विक्स हाइट को ध्यान में अवश्य रखें। सर्विक्स हाइट वेजाइना की केनल को कहते हैं। ऐसे में स्मॉल कप आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। मेंस्ट्रुअल कप खरीदने से पहले सर्विक्स की जानकारी होना ज़रूरी है।
2. मेंस्ट्रुअल फ्लो
अगर आपकी उम्र 35 वर्ष से ज्यादा है, तो आपका लार्ज मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) का प्रयोग करना चाहिए। इससे मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान आपको कोई परेशानी नहीं होगी। अगर आपका फ्लो लाइट है, तो आप छोटे कप का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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3. नॉर्मल डिलीवरी या सी सेक्शन
वे महिलाएं जिन्होंने वेजाइना के माध्यम से बच्चे को जन्म दिया है। उन्हें भी मेंस्ट्रुअल कप खरीदते वक्त लार्ज साइज़ का चुनना आवश्यक है। वहीं सी सेक्शन की महिलाओं को छोटे साइज़ में मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) खरीदना चाहिए। दरअसल, नॉर्मल डिलीवरी के दौरान वेजाइना लार्ज हो जाता है। ऐसे में स्मॉल साइज़ असुविधाजनक साबित हो सकता है।
4. टीनएजर्स के लिए
स्कूल व कॉलेज गोइंग गर्ल्स को स्मॉल साइज़ मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cup) का प्रयोग करना चाहिए। दरअसल उनका पीरियड के दौरान ब्लड फ्लो कम होने के चलते उन्हें छोटे कप का प्रयोग करना चाहिए।
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