menopause mei protein, मेनोपॉज में प्रोटीन कितना जरूरी है 

 मांसपेशियों के निर्माण और उन्हे बनाए रखने के लिए प्रोटीन का सेवन हर उम्र में जरूरी है। लेकिन प्रोटीन का कितना सेवन कब करना है ये जानना भी बहुत जरूरी है। महिलाओं को हर समय प्रटीन के सेवन की जरूरत होती है। शरीर में होते बदलावों के साथ प्रोटीन का सेवन भी उसकी जरूरत के हिसाब से होना चाहिए। मेनोपॉज महिलाओं में एक ऐसी स्टेज है जब शरीर में बहुत सारे हॉर्मोनल बदलाव होते है। इन बदलावों से शरीर का वजन बढ़ना, मूड स्विंग होना जैसी कई चीजें होती है। मेनोपॉज के दौरान शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के सेवन की जरूरत होती है।

प्रोटीन की जरूरत क्यों है

प्रोटीन एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है। यह शरीर के ऊतकों को बनाए रखने और मरम्मत करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को अच्छा करने और हार्मोन और एंजाइमों का उत्पादन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन अमीनो एसिड से बना होता है। शरीर को ठीक से काम करने के लिए 20 अलग-अलग अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है। इनमें से कुछ अमीनो एसिड शरीर द्वारा उत्पादित किए जा सकते हैं, जबकि अन्य को आहार के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए।

मेनोपॉज के बाद महिलाओं को कितने प्रोटीन की जरूरत है

मेनोपॉज में प्रोटीन के सेवन के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए गीता मिक्किलिनेनि ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। गीता मिक्किलिनेनि एक सर्टिफाइड मेनोपॉज कोच है।

गीता मिक्किलिनेनि के अनुसार मेनोपॉज के दौरान एक संतुलित आहार, पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन मांसपेशियों को बनाने और हड्डियों के उत्तकों का निर्माण के लिए जरूरी है।

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार शरीर के वजन के हिसाब से 0.8 ग्राम प्रति कोलग्राम प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है। गीता मिक्किलिनेनि कहती है कि ये काफी कम है यदि आप 50 की उम्र में है।

वो कहती है कि 50 की उम्र के बाद महिलाओं को 1 से 1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो ग्राम लेना चाहिए। और 20 से 25 ग्राम प्रोटीन हर मील में शामिल करना चाहिए।

मेनोपॉज के बाद प्रोटीन सेवन के लिए कुछ टिप्स

हर मील में कम से कम 25 ग्राम प्रोटीन शामिल करने का प्रयास करें।

यदि आप नॉनवेज नहीं खाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप कई अलग अलग स्रोतो से प्रोटीन लें।

सप्ताह में कम से कम दो बार हैवी ट्रेनिंग करने का प्रयास करें।

साबुत अनाज को चुने जिसमें प्रोसेस्ड फूज की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है।

अपने आहार में नट्स और पनीर जैसे उच्च प्रोटीन स्नैक्स शामिल करें।

मेनोपॉज के दौरान क्यों होती है प्रोटीन की जरूरत

मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, मांसपेशियों और ताकत में स्वाभाविक रूप से गिरावट आती है, इस प्रक्रिया को सरकोपेनिया कहा जाता है। पर्याप्त प्रोटीन का सेवन मांसपेशियों के मास और ताकत को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे उम्र बढ़ने और मेनोपॉज से जुड़ी मांसपेशियों के नुकसान को कम किया जा सकता है।

हड्डी को मजबूत रखने के लिए

मेनोपॉज से हार्मोनल बदलाव के कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, जो हड्डियों की मजबूती को बनाएं रखने और इसके रखरखाव में सहायता करता है।

मेटाबॉलिज्म और वजन नियंत्रण में मदद करता है

प्रोटीन में कार्बोहाइड्रेट और वसा की तुलना में अधिक थर्मिक प्रभाव होता है, जिसका मतलब है कि इसे पचाने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इससे मेटाबॉलिज्म को थोड़ा सा बूस्ट किया जा सकता है और वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जो हार्मोनल बदलावों के कारण मेनोपॉज के दौरान आमतौर पर चुनौतिपुर्ण होता है।

ये भी पढ़े- क्या होते है वर्जिन हेयर और क्या कॉफी इन्हें बढ़ाने में मदद करती है? आइए जानते हैं

 

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