![](https://images.healthshots.com/healthshots/hi/uploads/2022/07/30100021/orgasm.jpg)
फीमेल इजैक्यूलेशन और ऑर्गेज्म (संभोग) तो दूर की बात है। आज भी लोग महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ के मुद्दे पर फ्रैंक बातें करने को तैयार नहीं होते हैं। फीमेल सेक्शुएलिटी को लेकर हमारे आस-पास कई तरह के मिथ्स लोगों के बीच मौजूद हैं। आपसी बातचीत से कटाने के चलते लोगों में जानकारी की कमी बनी हुई है। अगर आप इस बारे में सोच रहे हैं कि फीमेल इजैक्युलेशन (महिला स्खलन)वास्तव में ऐसा होता है, तो इस लेख का एक और लेख पढ़ें। महिलाओं में होने वाली इस प्रक्रिया में एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी है और इससे जुड़ी कई बुराइयों के बारे में बताया है।
लोगों में जागरुकता पैदा करने और इन विषयों पर जानकारी साझी करने के लिए हेल्थशॉट्स ने बिंदुओं से चर्चा की। इंस्टीट्यूट ऑफ एंड्रोलॉजी एंड सेक्सुअल हेल्थ यानी इंस्टीट्यूट ऑफ एंड्रोलॉजी एंड सेक्सुअल हेल्थ के संस्थापक सेक्सिटिशन डॉ. चिराग भंडारी से फिमेल इजाक्युलेशन के बारे में बातचीत की।
फ़ीमेल इजैक्यलाइन क्या है
इजैक्यूलेशन को आम तौर पर सेक्स के दौरान फीमेल यूरेथरा से होने वाले एक संविधान के रूप में जाना जाता है। इस विषय में जहां लोग सूखी रहती हैं, वहीं ये बस्ती बस्ती में भी घूमती रहती है। बहुत से सुझाव में यह बात बताई गई है कि ऑर्गेज्म के दौरान फीमेल पाठ्यपुस्तक से आचमन वाले आर्केस्ट्रा की प्रक्रिया को महिला इजैक्यूलेशन कहा जाता है.
डिसचार्ज्ड युरिन से अलग
सोशल टैगूज और लिमिटिड साइंटिफिक रिसर्च के तहत फीमेल इजैक्यूलेशन के बारे में कभी भी चर्चा का विषय नहीं बन पाया। हाल ही में कुछ स्टडीज पर नजर दौड़ाई गई, तो शरीर की ऐसी कंडीशन के दौरान बहुत सी महिलाओं के एक्सपीरियंस अलग अलग रहे। महिलाओं को सुना गया और उस पर रोशनी भी डाली गई। इस समय होने वाले मैसाचुसेट्स डिसचार्ज यूरिन से अलग होते हैं। इस अप्रमाणिक में पैथोटिक स्पेसिफ़िक एंटीजन पाया गया है जो मेल सीमन में भी पाया जाता है। डॉ. भंडारी के अनुसार इस बात की जानकारी यह है कि फीमेल इजीक्यूलेशन में मेल बोर्ड की तरह ही स्केन की लड़की से तरल पदार्थ का उत्तर होता है.
क्या फीमेल इज़ैक्यिरियन भी ऑर्गेज्म की तरह है
इस बात को लेकर दावा किया जाएगा कि इसकी तुलना फीमेल ऑर्गेज्म से नहीं की जा सकती है। असल में, महिलाओं में इजैक्यूलेशन के नुस्खे भी बहुत बार ऑर्गेज्म का अनुभव कर सकते हैं। कोई दोराय नहीं कि फीमेल इजैक्यूलेशन में महिलाओं को प्लाजर महसूस होता है। इससे महिलाओं को संतुष्टि का अनुभव मिलता है। ऐसा करने से शरीर में हैप्पी हार्मोंस भी निकलते हैं।
फीमेल इजैक्यूलेशन एब्नॉर्मल नहीं है
लैंगिकता को लेकर लोगों की गलतियाँ और उत्साह को बढ़ावा देने के लिए इस विषय पर जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए आपका ओपन मैनिडिड होना जरूरी है, ताकि आप इस समस्या की गहराई तक पहुंच सकें। डॉक्टर भंडारी का कहना है कि इस प्रक्रिया के दौरान सेक्स करना सामान्य है और यह सी बात है। इसे लेकर मन में किसी प्रकार की गलत धारणाओं को पढ़ने से लाभ होना चाहिए।
![स्त्री स्खलन स्त्री स्खलन](https://i0.wp.com/images.healthshots.com/healthshots/hi/uploads/2023/07/12180050/orgasm-2-370x207.jpg?resize=370%2C207&ssl=1)
फ़ीमेल इजैक्यूलेशन बातचीत पर अध्ययन
ऐसा माना जाता है कि इजैक्यूलेशन के दौरान सभी महिलाएं एक-दूसरे से अलग होने का अनुभव करती हैं। जहां कुछ इसे डीप्ली फील नहीं कर पाते हैं, तो कुछ को इससे प्लेजर की प्राप्ति होती है। यह बात भी गलत है कि सभी महिलाएं इजैक्यूलेशन नहीं करती हैं और इसे प्लसर का एक ज़रिया मैन लेना भी पूरी तरह से गलत है। इजैक्यूलेशन की पूरी प्रक्रिया और स्टेज की जानकारी हासिल करने के लिए अध्ययन की आवश्यकता है।
इसके अलावा महिलाओं की यौन जीवन इससे जुड़े कई अहम सहयोगियों का पता लगाया जा सकता है। आवश्यकता है. इस विषय पर खुला और बातचीत की। इससे महिलाएं अपने यौन संबंधों के दौरान होने वाले बदलावों और परिवर्तनों को साझा कर सकती हैं।
ये भी पढ़ें- पीरियड सेक्स: पूरी तरह से सुरक्षित है पीरियड सेक्स, जानिए इस दौरान किन बातों का रखें ध्यान