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बो: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना’ के तहत गरीब कन्याओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता राशि को 49 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया जाएगा। चौहान ने बृहस्पतिवार को यहां से करीब 160 किलोमीटर दूर देवास जिले के सोनकच्छ कस्बे में एक समारोह के दौरान यह घोषणा की। मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं। कमजोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता कायम रखने की कोशिश कर रही है, जबकि विरोधी कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है।
चौहान ने कहा, ”कई कल्याणकारी योजना चलाकर समाज में बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने का प्रयास किया है। पंजीकृत कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत समाज के गरीब तबके की लड़कियों के विवाह के लिए 49 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। इसे अब बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मार्च में शुरू की गई अवसरवादी ‘लाडली सिस्टर योजना’ के तहत 10 जून से पात्र बैंक खातों में हर महीने एक हजार रुपये जमा किए जाएंगे।
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने घोषणा की है कि अगर उनकी सत्ता में आती है, तो वह पार्टी गरीब महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान करती हैं। चौहान ने अपनी सरकार की मुख्य योजना ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से 44.90 लाख बेटियां ‘लखपति’ बन गई हैं।
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इस योजना के तहत लड़की के जन्म के समय उसके नाम पर 1.18 लाख रुपये का भुगतान का नुकसान पहुंचाने वाला एक प्रमाण पत्र जारी किया गया है और राशि का भुगतान करने वाली लड़की द्वारा शिक्षा के विभिन्न स्तर पार करने के बाद, उसके 21 साल की होने तक किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना 2007 में राज्य में शुरू की गई और देश के छह राज्यों – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और गोवा द्वारा इसका अनुपालन किया गया।
चौहान ने आगे कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनकी सरकार ने स्थानीय निकायों के चुनावों में उनके लिए 50 प्रतिशत प्रमाण का प्रावधान किया है और शिक्षकों और पुलिस आरक्षी की भर्ती में उनके लिए पद आरक्षण किए हैं। उन्होंने कहा, “शिकायत उन्हें सशक्त बनाने के लिए संपत्ति पंजीकरण के लिए भुगतान करने वाले स्टांप शुल्क में भी छूट दी गई है।”
चौहान ने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक महिला कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह कमाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाएँ राज्य में निगरानी के लिए प्रत्येक वार्ड और गाँव में ‘लाडली सिस्टर सेना’ की यूनियन बना रही हैं। (एजेंसी)