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Lubricant se ye 5 trah ke nuksan ho sakte hain. – लुब्रिकेंट्स से ये 5 तरह के नुकसानदेह हो सकते हैं.

सेक्स एडुकेशन का अर्थ सिर्फ सेक्स पोजीशन को एक्सप्लोर करना नहीं है, बल्कि इसमें वह सब कुछ शामिल है जो आपके इंटीमेट एरिया, प्रजनन स्वास्थ्य और समग्र सेहत को प्रभावित करता है। फिर चाहें वह लुब्रिकेंट्स ही क्यों न हों।

इंटरकोर्स के दौरान वेजाइनल पेन को अवॉइड करने और सेक्सुअल प्लेजर को बढ़ाने के लिए लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जाता है। मार्केट में विभिन्न प्रकार के लुब्रिकेंट उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल आपके लिए सेक्स को आनंददायक और सुविधाजनक बना सकता है। पर हर बार, या सभी के लिए ये इतने फ्रेंडली नहीं होते। कुछ लोगों को लुब्रिकेंट्स (lubricants) के इस्तेमाल से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। वास्वत में इन्हें बनाने में कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इंटिमेट एरिया बेहद संवेदनशील होता है। जिससे इनके इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

सभी को लुब्रिकेंट से जुड़ी उचित जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है। यह समझना आवश्यक है कि आखिर किस तरह लुब्रिकेंट में मौजूद केमिकल का इस्तेमाल बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही यह जानना भी जरूरी है, कि आप अपने लिए एक सही लुब्रिकेंट कैसे चुन सकती हैं। क्युकी लुब्रिकेंट का इस्तेमाल न करना भी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

हेल्थ शॉट्स ने लुब्रिकेंट संबंधी उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए मदरहुड हॉस्पिटल, खारघर मुंबई की गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सुरभि सिद्धार्थ से बात की। तो चलिए जानते हैं लुब्रिकेंट को लेकर क्या है डॉक्टर की राय।

यहां जानें लुब्रिकेंट के बारे में सब कुछ. चित्र एडॉबीस्टॉक।

कुछ लोगों के लिए लुब्रिकेंट्स ये 5 तरह से नुकसानदेह हो सकते हैं (Side effects of lubricants)

1. लुब्रिकेंट में मौजूद टॉक्सिक केमिकल्स दे सकते हैं इचिंग

मार्केट में मिलने वाले लुब्रिकेंट में टॉक्सिक केमिकल सहित कई अन्य इंग्रेडिएंट्स पाए जाते हैं, जो नेचुरल माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे इरिटेशन, इचिंग, सहित संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ये वेजाइनल pH को असंतुलित कर देते हैं, जिसकी वजह से तमाम प्रकार की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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2. बढ़ जाता है यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा

बाजार में मिलने वाले कुछ प्रकार के वेजाइनल लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। लुब्रिकेंट में मौजूद केमिकल वेजाइना के प्राकृतिक pH स्तर को असंतुलित कर देता है। इस स्थिति में वेजाइना में यीस्ट का ग्रोथ बढ़ जाता है, जिससे इंफेक्शन बेहद फ्रिक्वेंटली आपको परेशान कर सकता है।

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3. फर्टिलिटी पर पड़ता है नकारात्मक असर

लुब्रिकेंट में मौजूद कुछ प्रकार के केमिकल फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं। इनके केमिकल से स्पर्म क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, ऐसे में हेल्दी फर्टिलिटी नहीं हो पाती। जो कपल कंसीव करने का सोच रहे हैं, उन्हें सोच समझकर लुब्रिकेंट का चयन करना चाहिए।

स्वस्थ लोगों की योनि का पीएच 3.8 और 4.5 के बीच होगा। चित्र-अडोबी स्टॉक

4. एलर्जिक रिएक्शन और स्किन इरिटेशन

सभी की त्वचा हर प्रकार के केमिकल को नहीं झेल पाती है, इस स्थिति में लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से एलर्जिक रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इन प्रॉडक्ट्स के फ्रिक्वेंट इस्तेमाल से रैशेज, इचिंग और हर्पीज की समस्या हो सकती हैं।

5. आप बहुत जल्दी ड्राई हो सकती हैं

मार्केट में मिलने वाले लुब्रिकेंट खासकर वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट जल्दी और आसानी से ड्राई हो जाते हैं। ऐसे में इंटरकोर्स के दौरान इरीटेशन महसूस हो सकता है। साथ ही साथ यह प्लेजर को भी डिस्टर्ब कर देता है। वहीं इंटरकोर्स के दौरान इन्हे बार बार अप्लाई करने की आवश्यकता पड़ती है, जो सेक्सुअल एक्टिविटी के फ्लो को तोड़ देती है।

ग्लेसरीन युक्त ल्‍यूब का इस्‍तेमाल न करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

जानें क्या है लुब्रिकेंट चुनने का सही तरीका (How to choose a right lubricant)

एक सही और सुरक्षित लुब्रिकेंट चुनना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में ध्यान रखें की आपके लुब्रिकेंट में पाराबिंस, ग्लिसरीन और पेट्रोलियम जैसे इंग्रेडिएंट्स मौजूद न हों। किसके अलावा ध्यान रखना है की लुब्रिकेंट लेटेक्स, रबड़ और प्लास्टिक फ्रेंडली हों। साथ ही यह सुनिश्चित करना भी बेहद महत्वपूर्ण है को आपका लुब्रिकेंट कंडोम ब्रेकेज का कारण न बनें। इसके अलावा अपने लुब्रिकेंट का pH जरूर जांचें, क्युकी यह वेजाइनल pH को प्रभावित कर इंफेक्शन का कारण बन सकता है। यदि आपको इन चीजों को समझने में परेशानी हो रही है, तो गाइनेकोलॉजिस्ट से लुब्रिकेंट को लेकर संपर्क करें।

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