इन दिनों ग्लोबल ग्लोबल ग्लोबल, पॉल्यूशन और जंक फूड के कारण लड़कियों में अर्ली प्यूबर्टी (प्रारंभिक प्यूबर्टी) देखी जा रही है। इसका कारण क्वांटम क्वांटम, अर्ली होटल होना बहुत आम हो गया है। पहले जहां प्यूबर्टी की उम्र 14-16 साल थी वहीं अब यह 12 साल या कभी-कभी वह भी पहले हो गई थी। इसके बावजूद कुछ लड़कियाँ शामिल हैं यौवन की शुरुआत बहुत देर से हुई है। जिसे लेट प्यूबर्टी या डिले प्यूबर्टी कहा जाता है। इसके कारण लड़कियों के स्तनों का विकास और मासिक धर्म होता है जिससे हम लड़कियों की उम्र में देरी होने लगती है। इस दस्तावेज़ में विशेषज्ञ बता रहे हैं कि लेट प्यूबर्टी या डिले प्यूबर्टी क्या कारण है (विलंबित यौवन का कारण) और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए।
सबसे पहले जानें कैसे शुरू होती है प्यूबर्टी (यौवन का कारण)
प्यूबर्टी टैब शुरू हुआ है, जब पिट्यूटरी ग्रंथि दो हार्मोन-ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) और फोलिकल्स स्टिमलिंग हार्मोन (एफएसएच) का उत्पादन शुरू कर रही है। इससे एगेंड (अंडाशय) बड़ा हो जाता है और एस्ट्रोजेन का उत्पादन शुरू हो जाता है। स्तनों का विकास शुरू होने के तुरंत बाद विकास में भी तेजी आ रही है। क्रॉच डेवलपमेंट के लगभग 2-3 साल बाद पहला मासिक धर्म (पीरियड) शुरू होता है। जिस लड़की के स्तनों का विकास 13 साल की उम्र तक शुरू नहीं हुआ था, उसे यौवन माना जाता है।
क्या हो सकता है लेट प्यूबर्टी के कारण (देरी से प्यूबर्टी का कारण)
प्राइमस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्टेट्रिशियन कंसल्टेंट डॉ. रश्मि बालियान (स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि बालियान) कहती हैं, ‘चलो प्यूबर्टी वाली कुछ लड़कियां देर से वयस्क होती हैं। यदि एक बार इस समस्या का उपचार कर लिया जाए, तो फिर प्यूबर्टी सामान्य रूप से आगे बढ़ना संभव है। हालाँकि डिलेड प्यूबर्टी की समस्या लड़कियों की तुलना में वैज्ञानिकों में अधिक चर्चा की गई है। ऐसा पेरेंट्स से मिली जीन की वजह से भी हो सकता है। अगर किसी मां को 14 साल की उम्र के बाद मासिक धर्म शुरू हो जाता है, तो बेटी के लिए भी इसी उम्र में यौवन हो सकता है। इस समय यौवन की सही आयु लगभग साढ़े 12 वर्ष है।’
फैट की कमी का मुख्य कारण (वसा के कारण यौवन में देरी होती है)
डॉ. रश्मि का कहना है, ‘प्यूबर्टी में लड़कियों का शरीर की कम उम्र में देरी एक प्रमुख कारण है। ये उन लड़कियों में से एक है जो बहुत एथलेटिक हैं। विशेष रूप से जिमनास्ट, बैले डांसर और स्विमर में। यह समस्या एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लड़कियों में भी देखी जा सकती है। जो वस्तुएं असाध्य या बहुत कम मात्रा वाली होती हैं, वे असामान्य रूप से भिन्न हो सकती हैं। ये होने का डर बना रहता है। कई क्रोनिक डिजीज, जिनमें शरीर में बार-बार मोटापा कम होता है, यह लेट प्यूबर्टी का कारण हो सकता है।’
कैंसर के इलाज से हो सकती है समस्या (कैंसर के इलाज से यौवन में देरी होती है)
डिले प्यूबर्टी के कारण मोटापे की समस्या हो सकती है। अग्न्याशय या तो ठीक से विकसित नहीं हो सकते हैं या क्षतिग्रस्त रह सकते हैं। टर्नर सिंड्रोम वाली लड़कियां ज्यादातर अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटी होती हैं। इनमें से दो एक्स उपकरणों में से एक का पूरा या कुछ हिस्सा गायब हो जाता है।
ल्यूकेमिया या किसी अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज के कारण ओवरी डैमेज भी हो सकता है। शरीर की खतरनाक प्रतिरक्षा प्रणाली भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। इनमें पिट्यूटरी हार्मोन एलएच और एफएसएच, जिसमें गोनाडोट्रोपिन भी शामिल है, की कमी के कारण डिले प्यूबर्टी की तलाश हो जाती है।
कैसे करें डायग्नोस्टिक्स (विलंबित यौवन निदान)
डॉ. रश्मी के अनुसार, ब्लड टेस्ट और अन्य परीक्षण के लिए एंडोक्राइनास्टिओल एलएच, एफएचएस और एस्ट्राडियोल स्तर के परीक्षण किए जाते हैं। एलएच और एफएच का उच्च स्तर यह संकेत देता है कि ओवरी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा क्रोमालॉजी की भी जांच की जाती है। ब्रेन एम रिस्ट्री, बोन एक्स-रे से भी यह पता चलता है।।
डिले प्यूबर्टी के लिए क्या आवश्यक है? (विलंबित यौवन उपचार)
प्यूबर्टी ने 4-6 महीनों के लिए एस्ट्रोजेन तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह एस्ट्राडियोल की गोली या पैच के रूप में दिया जा सकता है, जो सप्ताह में दो बार त्वचा के लिए आवश्यक है। शरीर में फैट की कमी वाली लड़कियों का वजन और वजन अधिक होता है बढ़ाने की सलाह दी गयी है।।
अंत में
डर नहीं, वजन, कद और जीन के कारण हर लड़की में यौवन की उम्र में थोड़ा बहुत अंतर आ सकता है। बता दें कि ब्लूमर्स में यह जरूरी नहीं है कि भविष्य में एसोसिएटेड शेयरिंग हो। किसी भी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।
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