Ktujm :अनियमित कर्मचारियों के मामले में कुलपति और कुलसचिव को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस – Ktujm: Contempt Notice Of High Court To Vice Chancellor And Registrar Even In Case Of Irregular Employees



कुशाभाऊ ठाकरे कार्यक्षेत्र एवं जनसंचार विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला

कुशाभाऊ ठाकरे आयाम एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में एक बार फिर कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर उच्च न्यायालय की अवमानना ​​के मामले में बुरी स्थिति है। इस बार मामला विशिष्ट कर्मचारियों को सेवा से हटाना है। विश्वविद्यालय में लंबे समय से सीमित दैनिक वेतन भोगी 23 कर्मचारियों की सेवाओं ने उन्हें निजी जिम्मेदारी एजेंसी को देने के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारियों के पक्ष में 27 सितंबर 2022 को प्रावधान राहत प्रदान करते हुए आदेश दिया कि उन्हें अगली सुनवाई तक न हटा दें।

ऐसे कई कर्मचारी थे जो विश्वविद्यालय में लिपिक, टायपिस्ट, कम्प्यूटर आपरेटर, कैमरा आपरेटर, टेक्नीशियन रेडियो और टीवी स्टूडियो, लेखक, ड्राइवर, भृत्य, गार्डनर और स्वीपर जैसे पदों पर वर्षों से कार्य कर रहे थे। जोखिमा कुलपति और कुलसचिव की हठधर्मिता के चलते उच्च न्यायालय के आदेश को भी वे अंगूठा दिखा दिया और कर्मचारियों को सेवा से हटाने का फरमान जारी कर दिया। छत्तीसगढ़ में यह पहला अनोखा मामला है जहां 23 विशिष्ट कर्मचारियों को सेवा से हटाने के साथ ही साथ उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से भी प्रतिबंधित कर दिया।

सेवा से स्थिति जाने पर विश्वविद्यालय में स्थापना काल से संबद्ध कर्मचारी याचिकाकर्ता श्री गोविन्द पटेल ने बताया कि इस मामले में सभी 23 कर्मचारियों और उनके एम्बेसडर ने कलेक्टर, आयुक्त श्रम विभाग और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने भी उन्हें मदद नहीं दी। पिछले लगभग लदान माह से नौकरी छोड़ी जाने से उनके परिवार की सड़क पर आ गए हैं। ऐसे गंभीर पाठ्यक्रम में उन्होंने 9 फरवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन पुरानातालाब चौक पर भी दिया।

श्री पटेल ने बताया कि हम लोग उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नौकरी से बाहर कर दिए गए। इस पर उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अवमानना ​​याचिका दायर की। कोर्ट ने उच्च अवमानना ​​याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर कुलपति बल्देव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर के खिलाफ आदेश पारित किया है कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उच्च न्यायालय ने इन दोनों अधिकारियों को 14 मार्च को उपस्थित होने के लिए कहा है।

शिकायत दावा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने बहुत पहले कहा था कि किसी भी विशिष्ट कर्मचारियों को सेवा से नहीं हटाया जाएगा। शुरू कर विज्ञापन एजेंसी को अवैध धन लाभ पहुंचाने के लिए कर्मचारियों को हटा दिया जाता है। कुलपति बल्देव भाई शर्मा की तानाशाही और साझेदारी एजेंसी के माध्यम से धनउगाही के कारण विश्वविद्यालय में लंबे समय से कार्य कर रहे विशिष्ट कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया है।



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