Korba forest pahadi korva boy dies after being hit by poachers bomb


रिपोर्ट: अनूप पासवान

कोरबा: जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बम की चपेट में आने से पहाड़ी कोरवा बालक की मौत हो गई। मरे हुए लड़के का शव देखने के लिए कोरबा लाया गया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा कायम रखा है और आगे जांच करने की बात कह रही है। रविवार को कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर ड्रैगनबहार ग्राम पंचायत के धोभाटा गांव के जंगल में यह घटना घटी।

इस गांव के निवासी सात साल बिहानुराम की दर्दनाक मौत हो गई। यह बालक अपने दोस्त रामप्रसाद के साथ महुआ बीनने के लिए पास के जंगल में गया था। लौटने के दौरान एक जगह अजीब सी चीज दिखाई दी पर उसने उसे कौतूहल उठा लिया। इसके बाद उसका चेहरा और सिर फट गया। विस्फोट की चपेट में आने से बालक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

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शिकारी बम हो जाते हैं
लड़के के नाना बिरन का कहना है कि जंगली सुअर का शिकार करने वाले शिकारियों के कारण यह घटना हुई है। अक्सर शिकारी दो पहिया और चार पहिया वाहन यहां बोल्डर और जंगल में बम देते हैं। जंगल में धमाके की आवाज सुनकर हमें लगा कि गांव में कोई गाना बज रहा होगा। कुछ देर बाद मिली जानकारी की दुखद घटना हुई है। डोंगाभाटा गांव के जंगल में हुई इस घटना की खबर जल्द ही चारों ओर फैली और काफी संख्या में इस क्षेत्र के लोग पहुंच गए। बालक को लेकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई।

राष्ट्रपति द्वारा लिया गया है
एंबुलेंस के जरिए लड़के और सुअर को मारने के लिए बम की खामियों को लेकर पहाडी कोरवा कोरबा पहुंचे। यहां पर रिश्तेदारों के शव देखे गए। आपको बता दें कि पहाड़ी कोरवा संरक्षित जनजाति है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा गोद लिया गया है। इनकी आबादी बेहद कम है और आज भी घने-बसर करते हैं।

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