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रंग आस्थ, पर्व और भावनाओं के सूचक होते हैं। इसी के साथ, रक्स का मानव शरीर-क्रिया विज्ञान में भी महत्वपूर्ण है। जब किसी का गुस्सा आ जाता है, तो उसका चेहरा तममाकर लाल हो जाता है, इसी तरह से भय से कपड़ों का रंग पीला पड़ जाता है और डर के मारे नीला हो जाता है। इसी तरह, इंसान के पेशाब का रंग भी उसकी सेहत के बारे में काफी कुछ कहता है। आइए जानते हैं कि छोलेपन से आपके पेशाब का रंग क्यों लगता है और कब आप इसे ग्रेब्रिएट्स से लेते हैं?
रनों का हमारा जीवन में अहम् स्थान होता है। ये रंग ही हैं जो सदियों से कवियों की प्रेरणा रहे हैं और योद्धाओं को भी उत्प्रेरित करते हैं। पर कई बार आपके स्वास्थ्य में होने वाले धूम्रपान को भी रंग दिया जाता है। जैसे पेशाब के रंग का प्रतिफल।
सामान्य रूप से, पेशाब का रंग हल्का पीला (हल्का पीला) या स्ट्रैक रंग का होना चाहिए। यह इस बात का संकेत है कि शरीर में पानी की मात्रा सही है और वह ठीक प्रकार से काम कर रहा है। पेशाब का रंग इस बात का इशारा है कि शरीर में पानी की कमी है और आपको अधिक पानी पीने की जरूरत है।
पेशाब का रंग कई कारणों से बदल सकता है जैसे कि निर्जलीकरण, आहार, अन्य कोई स्वास्थ्य समस्या।
यहां जानिए पेशाब का रंग बदलना आपकी सेहत के बारे में क्या कहता है
1 पेशाब का लाल रंग (Red Urine)
लाल रंग में कई बार पेशाब का गुलाबी रैड, भूरा नारंगी या काला रंग शामिल होता है। यह कई बार पेशाब में रोग होने की वजह से हो सकता है, या फिर पेशाब या किडनी का निशान भी होता है या कई बार मासिक धर्म का पुरुष मिलने की वजह से भी ऐसा होता है।
पोरफाइरिया (पोर्फिरिया रोग) एक असामान्य बीमारी है, जिसके कारण पेशाब में पोरफायरिन की मात्रा बढ़ जाती है पेशाब का रंग लाल हो जाता है। ऐसा पेशाब में खून की मौजूदगी न होने पर भी होता है। कई बार कुछ दवाएं जैसे एंटी-टीबी ड्रग रिफैमपिसिन, ब्लड थिनर वारफरिन भी पेशाब को गाढ़ी लाल रंग देती हैं। इसी तरह का गाजर (कैरोटिन), ब्लाकबेरीज़ और चुकंदर की वजह से भी कभी-कभी पेशाब का रंग लाल दिखता है।
2 पेशाब का काला या रंग (काली या भूरी पेशाब)
कुछ दवाएं जैसे कि एमीबिक डिसेंट्री के उपचार के लिए जाने वाली मैट्रोनिडाजोल या एंटीबायोटिक नाइट्रोफ्यूरेन्टीन के कारण पेशाब का रंग काला हो सकता है। कभी-कभी आयरन के इंजेक्शन से भी ब्लेक यूरिन के कारण बन सकते हैं।
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एक दुर्लभ किस्म का दस्तावेज़ अल्केप्टोनूरिया (अल्केप्टोन्यूरिया रोग) की वजह से भी पेशाब काला हो सकता है, जो कि शरीर में होमोजेनेटिक के जामव की वजह से होता है। पेनकिलर ड्रग एसिट माइनोफिन के पूर्वाग्रह के कारण भी पेशाब का रंग भूरा हो सकता है। एक दुर्लभ किस्म का कैंसर मेटास्टैटिक मेलानोमा (मेटास्टैटिक मेलेनोमा) के कारण त्वचा का रंग काला पड़ सकता है और पेशाब का रंग भी काला हो सकता है।
3 सफेद पेशाब
पेशाब में खिंचाव का जमाव होने जैसे कैल्शियम, ऑक्सलेट और फॉस्फेट की वजह से पेशाब सफेद रंग का दिखाई देता है। लेकिन कई बार मूत्र में गंभीर संक्रमण होने की वजह से पेशाब में पस लग जाता है, जिसकी वजह से उसका रंग सफेद दिखाई देता है। पेशाब का रंग दूध सफेद दिखने का एक अन्य कारण कैल्यूरिया (यूरिन में फैट) भी होता है।
ऐसा तब होता है जब मूत्रमार्ग और लिंफेटिक्स के बीच असामन्य कम्युनिकेशन होने लगता है, जिसके कारण अवशोषित वसा (फैट) का प्रवाह आंतों से जिगर की ओर होने लगता है। आम तौर पर ऐसा फिलीरियल इंफेकशन के कारण होता है।
4 नीला और हरा पेशाब (नीला या हरा मूत्र)
पेशाब में यह रंग मिथाइलिन ब्लू दवा, जो कि अमूमन कम इस्तिमाल होती है, के कारण दिखता है। हालांकि पेशाब का पूरी तरह से नीला रंग काफी दुर्लभ होता है, क्योंकि ब्ल्यू पिगमेंट नैचुरल यूरिन पिगमेंट यूरोक्रोमा से मिलकर हरा बनता है।
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अन्य दवाएं जो ग्रीन यूरिन के कारण हो सकती हैं वे मोशन सिकनैस के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रोमेथाज़ीन और पुरानी एंटासिड दवा सिमेटाइडिन, एनेस्थेटिक ड्रग प्रोपोफोल भी ब्लू ग्रीन और कई बार गुलाबी या सफेद रंग भी पैदा कर सकती हैं। कभी-कभी सूडोमोनास बैक्टीरियम के कारण पेशाब में संक्रमण की वजह से भी ग्रीन यूरिन हो सकता है।
पेशाब के रंग में बदलाव भाईचारे, उनके परिजनों और डॉकटरों के लिए भी बंधन हो सकते हैं। यूरिन का असामान्य रंग अक्सर खतरनाक कारणों की वजह से नहीं होता है। यह कई बार अपच, ड्रग्स या टॉक्सिन्स का प्रभाव हो सकता है। लेकिन पेशाब के रंग में बदलाव होना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। कई बार हिस्ट्री और यूरिन एनेलिसिस से रोग का पता लगाया जाता है। अगर आपको पेशाब में बदलाव या अन्य कोई लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह-मशविरा करें।
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