Know what pelvic floor muscles are and how you can make them strong.- जानिए क्या हैं पेल्विक फ्लोर मसल्स और आप इन्हें कैसे मजबूत बना सकती हैं।

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आपने अक्सर पेल्विक एक्सरसाइज के बारे में सुना होगा। वहीं कुछ लोग इससे अवगत भी होंगे। परंतु अभी भी कई महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें इसके बारे में काफी कम जानकारी है। जिस वजह से उनकी रोजमर्रा की छोटी-छोटी गलतियां भी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कमजोर बनाती चली जाती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के बारे में सब कुछ जानें। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आइए जानते हैं क्या हैं पेल्विक फ्लोर मसल्स (Pelvic floor muscles) और क्या हैं इनके कमजोर होने के नुकसान। ताकि आप समय रहते इन पर ध्यान दे सकें।

मदरहुड हॉस्पिटल, चेन्नई की कंसल्टेंट ऑब्स्टट्रिशन, गायनोलॉजिस्ट डॉ चंदा बालाजी हमें पेल्विक फ्लोर मसल्स के बारे में सब कुछ बता रही हैं।

पहले जानें क्या है पेल्विक फ्लोर

डॉ चंदा बताती हैं, “पेल्विक फ्लोर शरीर का वह हिस्सा है जहां यूट्रस, रेक्टम, वेजाइना और ब्लैडर स्थापित होते हैं। पेल्विक फ्लोर में मौजूद मसल्स और कनेक्टिव टिशु शरीर के अंदर के इन सभी जरूरी अंगों को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं। यह बताए गए सभी अंगों को सही जगह पर पकड़ कर रखती हैं।

साथ ही सेक्स, पूपिंग और यूरिनेटिंग जैसे फंक्शन को फ्लैक्सिबिलिटी देती हैं। पेल्विक मसल भारी सामान उठाने, खांसने जैसे बाहरी प्रेशर के प्रभाव से अंदरूनी अंगों को प्रोटेक्ट भी करती हैं।”

क्यों जरूरी है पेल्विक फ्लोर मसल्स का मजबूत रहना

डॉ चंदा आगे कहती हैं, “आपका मजबूत पेल्विक फ्लोर ब्लैडर को स्वस्थ रखता है और मल त्याग करने की प्रक्रिया को भी संतुलित रखता है। पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां आपके यूरिनरी ट्रैक, आपके शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाली ट्यूब को संतुलित रखती हैं। आपका मजबूत पेल्विक मसल पोस्ट चाइल्ड बर्थ और सर्जरी से जल्दी रिकवर करने में मदद करता है।”

इसके साथ ही यह पुरुषों में प्रोस्टेट सर्जरी के बाद रिकवरी में मदद करता है। वहीं पेल्विक की मजबूत मांसपेशियां सेक्सुअल सेंसेशन और ओर्गास्मिक पोटेंशियल को बढ़ा देती हैं।

Pelvic muscles ko mazboot banane ke liye exercise zarur kare
महिलाओं के लिए पेल्विक एक्सरसाइज। चित्र- शटरस्टॉक

क्या होता है जब आपकी पेल्विक मसल्स कमजोर होने लगती हैं

इसका सबसे बड़ा जोखिम है ब्लैडर कंट्रोल खो देना। यानी यूरिन पास करने पर आपका नियंत्रण न रहना। साथ ही कमजोर पेल्विक मांसपेशियों से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार मल त्याग करने और लीकेज की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

पेल्विक मांसपेशियों की कमजोरी सेक्सुअल परेशानियों का भी कारण बन सकती है जैसे कि वेजाइनल सेंसेशन में कमी आना। वहीं यदि आपका पेल्विक फ्लोर कमजोर है और आप इसे ओवरएक्टिव रख रही हैं, तो इससे आपको वल्वा और सेक्स के दौरान अधिक दर्द का एहसास हो सकता है।

डॉ चंदा के अनुसार वेजाइनल फार्ट भी पेल्विक फ्लोर की कमजोर मांसपेशियों की निशानी हैं। यदि आप सेक्स, योगा और स्ट्रैचिंग के दौरान इसका अनुभव कर रही हैं, तो इसका मतलब यह है कि आपको अपनी पेल्विक हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है।

यदि आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हैं, तो ऐसे में वेजाइनल ड्राइनेस का सामना करना पड़ सकता है। कमजोर मांसपेशियों की वजह से हाइपोएस्ट्रोजेनिक कंडीशन यानी की एस्ट्रोजेन के स्तर में तेजी से गिरावट देखने को मिलती है। जो वेजाइनल ड्राइनेस का एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है।

अब जाने पेंल्विक की मांशपेशियों को स्वस्थ रखने के उपाय

मदरहुड हॉस्पिटल, चेन्नई की कंसल्टेंट ऑब्स्टट्रिशन, गायनोलॉजिस्ट डॉ चंदा बालाजी ने पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्वस्थ रखने के कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं इन्हें किस तरह रखना है स्वस्थ।

1 पेल्विक मसल्स एक्सरसाइज

अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा पेल्विक फ्लोर को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज इसे मजबूत रखने का एक सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। इसके लिए आपको सीधी मुद्रा में बैठना है और अपने पेल्विक मसल्स को अंदर की ओर सिकोड़ कर एक से 2 सेकंड तक होल्ड करना है। उसके बाद इसे वापस बाहर छोड़ते हुए 2 सेकंड तक रिलैक्स रहें। उचित परिणाम के लिए नियमित रूप से इसे कम से कम 5 बार जरूर करें।

pelvic floor exercise
अपने पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज. चित्र : शटरस्टॉक

2 मेडिटेशन का अभ्यास

मेडिटेशन का अभ्यास पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को रिलैक्स रखता है और यदि आपका पेल्विक मसल टाइट है, तो यह इसे लूज करता है।

3 आर्टिफिशियल स्वीटनर और अल्कोहल से बचें

इसके साथ ही एक उचित डाइट आपको कब्ज और पेट से जुड़ी अन्य समस्यायों से दूर रखते हुए पेल्विक फ्लोर की समस्या से उभरने में मदद करेगा।

हेल्दी पेल्विक फ्लोर के लिए कैफीन, अल्कोहल और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन को सीमित रखें। साथ ही स्मोकिंग से पूरी तरह परहेज रखें।

4 वजन को संतुलित रखना जरूरी है

भारी वजन उतहे से बचें क्योंकि यह पेल्विक फ्लोर पर अधिक भार डालता है और ऐसे में इसके अंदर के अंगों के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। मल त्याग करते वक्त अपने पेट और मलद्वार पर ज्यादा भार न डालें।

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