Kailash Vijayvargiya | अपने बयान से पलटे विजयवर्गीय, इंदौर के लोकसभा सांसद का टिकट कटने की बात को बताया ‘‘मजाक”


कैलाश विजयवर्गीय (File Photo)

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इंदौर: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने बुधवार को यह कहकर अटकलों को हवा दे दी कि उन्होंने इंदौर (Indore) क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) का टिकट कटने की ‘‘उड़ती-उड़ती खबर” सुनी है। 

बयान के तूल पकड़ने के बाद विजयवर्गीय ने कहा कि वह ‘‘मजाक” कर रहे थे और इंदौर सीट के टिकट के दावेदारों में लालवानी अब भी शामिल हैं। विजयवर्गीय ने अपने गृह नगर इंदौर में एक कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे तो उड़ती-उड़ती खबर यह भी मिली है कि शंकरजी (लालवानी) का टिकट इसलिए कटा क्योंकि यह टिकट किसी महिला को दिया जाना है। हालांकि, मुझे इस खबर की सच्चाई पता नहीं है।” 

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को ‘‘सुरक्षित सीट” से चुनाव लड़वाने की बात कही है। विजयवर्गीय ने महिला श्रोताओं से पूछा कि अगर प्रधानमंत्री उन्हें चुनाव लड़ने को कहें, तो उनमें से कितनी महिलाएं चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं? उनके इस सवाल पर कई महिलाओं ने हाथ उठाकर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई।   

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लालवानी का टिकट कटने के बयान के बारे में मीडिया ने विजयवर्गीय से बुधवार देर शाम सवाल किया तो उन्होंने कहा कि महिलाओं के कार्यक्रम में वह मजाक में यह बात बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार तय नहीं हुआ है। अभी लालवानी भी टिकट के दावेदार हैं।” इंदौर, उन लोकसभा सीटों में शामिल है जहां भाजपा ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीते थे, लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के भाजपा के नीतिगत निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने वक्त की नजाकत भांपते हुए पांच अप्रैल 2019 को खुद घोषणा की थी कि वह बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी। 

इसके बाद भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों में लालवानी को इंदौर से टिकट दिया था। सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार 754 मतों के बड़े अंतर से हराया था और इस सीट पर भाजपा का 30 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा था।

(एजेंसी) 





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