संयुक्त दस्तावेज के फर्जी हस्ताक्षर कर 12 लाख का गबन करने वाला वकील गिरफ्तार।
– फोटो : संवाद
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जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ मे वकील ने अधिकारियों का फर्जी आदेश कर अलग-अलग 3 प्रकरणों में 12 लाख रुपये के आदेश जारी किए थे। मामले का खुलासा करने वाले ऑफिस मे सबंधित विभाग के लिपिक ने किया। दस्तावेज़ में कुछ कमी पाकर मामले का परीक्षण तब किया गया जब यह घोटाला उजागर हुआ। जिसके बाद वकील तुलसीराम घृतलहरे ने फर्जी पत्र क्रमांक डाल कर ब्रांच चार्जेसर संयुक्त कलेक्टर का हस्ताक्षर कर दिया, तीन मामलों में चार-चार लाख के कुल 12 लाख रुपये का ऑर्डर जारी कर दिया। मामले की जांच के बाद जांजगीर कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज की गई। इस घटना के बाद कैमरे को कैमरे में कैद कर रिमांड पर भेजा गया।
अचानक मौत के बाद जातक ने राशि में किया घोटाला
आकस्मिक मृत्यु से मरने वाले व्यक्ति के परिजन को राज्य सरकार द्वारा जाने वाली सहयोगी राशि में भी अपराधी बुरी नजर रख रहे हैं। आरबीसी 6, 4 (राजस्व बुक ग्लोबल 6-4) के तहत फर्जी मामला बना शासन को बड़े रूप में लगा हुआ जा रहा हूं। संयुक्त कलेक्टर के हस्ताक्षर से चार-चार लाख रुपये स्वीकृति करने के आदेश की संबंधित संबंधित विभाग में पहुंचे। जिसके बाद आदेश पर अमल करने विभाग का लिपिक दस्तावेज परीक्षण करने लगा तभी जांच करने के समय आदेश की कॉपी मे गड़बड़ी होना पाया गया।
जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर निशा नेताम मरावी के पास दस्तावेज लेकर पंहुचा था। कॉपी को देखकर संयुक्त कलेक्टर के होश उड़ गए। जिसके बाद के एपिसोड से जुड़े दस्तावेज़ खांगला गए जिनमें से ऑर्डर मे जारी करमन खरसन, खखन, कु सोनाली जोकि पानी में डूबना, सर्प बाइट बिच्छू काटने का इन सभी नाम का कोई एपिसोड नहीं होने की जानकारी सामने आई और संयुक्त कलेक्टर ने संबंधित वकील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर के लिपिक ने विधायक मिले धालहरे की रिपोर्ट दर्ज की।
सिटी कोतवाली पुलिस ने जब दशक के वकील तुलसीराम धृतहरे से पूछताछ की तो बताया की उसने खुद ही यह आदेश जारी किया है। संयुक्त दस्तावेज का फर्जी प्रमाणपत्र भी किया गया है। जिसके बाद उसके तहसील कार्यालय जांजगीर में जमा कर दिया गया। यह फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के बारे में बताया गया है।
नवागढ़ तहसील कार्यालय में लंबे समय से शिकायत कर रहे दस तुलसीराम घृतलहरे ने संयुक्त कलेक्टर के सामने इस प्रकरण के विषय मे गोलमोल जवाब देने लगा और खुद अपना जाल फंसा लिया। निशा नेताम मड़ावी संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि आरबीसी द्वारा वकील 6-4 के तीन आदेश किस शाखा प्रभार और शाखा लिपिक का फर्जी हस्ताक्षर करके हस्ताक्षर का आहरण किया जा रहा था। संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि जब कार्यालय के जावक पंजी का मिलान हुआ तो जो प्रकरण दर्ज नहीं किया गया था। मामला संज्ञान आने के बाद भुगतान नहीं किया गया है।
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