jaane hormonal asantulan me najar aane wale kuchh aam sanket. – जानें हार्मोनल असंतुलन में नजर आने वाले कुछ आम संकेत।


हार्मोन बॉडी में मौजूद केमिकल्स हैं, जो ब्लड के माध्यम से आपके ऑर्गन, स्किन, मांसपेशियों और अन्य बॉडी टिश्यू को मैसेज पहुंचाते हैं, साथ ही यह बॉडी के अन्य फंक्शन को रेगुलेट करते हैं। हॉर्मोन्स आपके शरीर को बताते हैं कि क्या करना है और कब करना है। एक स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए हॉर्मोनल बैलेंस आवश्यक है।

कई बार शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और वातावरण से जुड़े कारकों की वजह से हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन परेशानियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है हार्मोनल असंतुलन में होने वाले शारीरिक संकेतों की सही जानकारी होना। जब आप किसी समस्या को पहचानेंगी तब ही इसका समाधान कर सकती हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने हार्मोनल असंतुलन के कुछ संकेत बताये हैं, साथ ही उन्होंने इन सकेतों (Hormonal imbalancing signs) को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है।

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच असंतुलन भी बढ़ा सकता है यह असंतुलन। चित्र: शटरस्‍टॉक

यहां जानें हार्मोनल असंतुलन में नजर आने वाले कुछ आम संकेत (Hormonal imbalancing signs)

1. बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल

डायबिटीज में, आपका पैंक्रियाज इंसुलिन हार्मोन का बिल्कुल या पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं करता है या आपका शरीर इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाता। मधुमेह कई प्रकार के होते हैं, सबसे आम हैं टाइप 2 डायबिटीज, टाइप 1 मधुमेह और गेस्टेशनल डायबिटीज। डायबिटीज की स्थिति में उपचार की आवश्यकता होती है।

2. असमान्य रूप से वजन बढ़ना

आपके शरीर में मौजूद हॉर्मोन्स आपके भूख और खाने की लालसा को संतुलित रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में जब हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाए तो बॉडी को असामान्य रूप से खाने की क्रेविंग्स हो सकती है जिसकी वजह से हम अधिक मात्रा में कैलोरी इंटेक करते हैं। बॉडी और आपके शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने के लिए हॉर्मोन्स की आवद्यकता होती है ऐसे में कुछ हार्मोन के असंतुलित होने के कारण ऊर्जा का निर्माण नहीं होपता परिणामस्वरूप शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा होम लगता है। उदाहरण के लिए, अतिरिक्त कोर्टिसोल (एक हार्मोन) और कम थायराइड हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म) मोटापे में योगदान कर सकते हैं।

3. एक्ने की समस्या

एक्ने मुख्य रूप से बंद पोर्स के कारण होते हैं, जबकि कई कारक एक्ने के विकास में योगदान करते हैं। हार्मोन में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से प्यूबर्टी के दौरान, एक्ने होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। प्यूबर्टी के दौरान हार्मोन के एक्टिव होने पर आपके चेहरे की त्वचा सहित ऑयल ग्लैंड्स भी उत्तेजित हो जाते हैं।

वहीं हार्मोनल एक्ने तब विकसित होते हैं जब हार्मोनल परिवर्तन से आपकी त्वचा द्वारा उत्पादित तेल की मात्रा बढ़ जाती है। यह विशेष रूप से गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान और उन लोगों के लिए आम है जो टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ले रहे हैं।

यह भी पढ़ें : स्किन को लंबे समय तक जवां बनाए रखता है कच्चा दूध, एक्सपर्ट से जानें इसे प्रयोग करने के तरीके

4. अनियमित पीरियड्स

मेंस्ट्रूअल साइकिल में कई हार्मोन शामिल होते हैं। इसके कारण, उनमें से किसी एक या कई हार्मोनों में असंतुलन अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है। विशिष्ट हार्मोन-संबंधी स्थितियां जो अनियमित मासिक धर्म का कारण बनती हैं उनमें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और एमेनोरिया शामिल हैं।

periods ke dauran badh sakta hai
पीरियड्स में हो सकती है देरी। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. इनफर्टिलिटी

हार्मोनल असंतुलन खासकर महिलाओं में इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण है। पीसीओएस और एनोव्यूलेशन जैसी हार्मोन संबंधी स्थितियां इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं। वहीं पुरुषों में भी हार्मोनल असंतुलन हो सकता हैं जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं, जैसे कम टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन (हाइपोगोनाडिज्म)। हार्मोनल संतुलन सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए वेहद मायने रखता है।

6. थयरॉइड की स्थिति

शरीर में थयरॉइड हॉर्मोन की मात्रा के बढ़ने से एंग्जाइटी, अधिक गर्मी लगना, पसीना आना, असामान्य रूप से वजन घटना और हार्ट रेट बढ़ने जैसे संकेत नजर आ सकते हैं। वहीं यदि आपका थयरॉइड हॉर्मोन कम है तो ऐसे में वेट गेन, आलास और थकान का अनुभव हो सकता है।

7. योनि स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

कुछ स्थितियां जैसे कि मेनोपॉज के दौरान फीमेल हार्मोस कम होने लग जाते हैं जिसकी वजह से आपको हॉट फ्लैशेज होते हैं, एकदम से गर्मी लगती है, मूड स्विंग्स होते हैं और वेजाइना में ड्राइनेस हो सकता है। बार-बार यूरिनेशन की एजेंसी हो सकती है और यौन ड्राइव कम हो सकता है।

नोट : हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण इसे संतुलित रखने के लिए जरुरी गतिविधियों पर ध्यान देना। नियमित रूप से उचित खान पान पर ध्यान देने के साथ ही कुछ जरुरी योग और एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही उचित नींद लेना महत्वपूर्ण है, वहीं तनाव की स्थिति में स्ट्रेस मैनेजमेंट पर काम करें। स्मोकिंग, अल्कोहल और अन्य सभी नशीले पदार्थों से दुरी बनाएं रखें।

यह भी पढ़ें : चेहरे पर ग्लिसरीन इस्तेमाल करनी है, तो ये 6 तरीके आ सकते हैं आपके काम



Source link

susheelddk

Related Posts

वेब स्टोरी कैसे लिखें

वेब स्टोरी एक विजुअली समृद्ध, मोबाइल-केंद्रित सामग्री प्रारूप है जो आकर्षक, इंटरैक्टिव अनुभव बनाता है और वेब पर वितरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वेब स्टोरी वेब स्टोरी…

AI सेक्स डॉल

बर्लिन में इस महीने के अंत में, लोग एक घंटे के लिए AI सेक्स डॉल के साथ समय बुक कर सकेंगे क्योंकि दुनिया के पहले साइबर वेश्यालय ने परीक्षण चरण…

You Missed

jane Shruti Hasan man, mental health and social media ke bare me kya kehti hain. श्रुति हासन अपने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संघर्षों के बारे में खुलकर बात करती हैं।

jane Shruti Hasan man, mental health and social media ke bare me kya kehti hain. श्रुति हासन अपने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संघर्षों के बारे में खुलकर बात करती हैं।

वेब स्टोरी कैसे लिखें

AI सेक्स डॉल

शिद, फारूकी और गुरबाज़ का जलवा, अफगानिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को धूल चटाई

Jaane inner thighs rashes ke karan aur bachne ka tarika. – जानें इनर थाई रैशेज के कारण और बचाव का तरीका।

Jaane inner thighs rashes ke karan aur bachne ka tarika. – जानें इनर थाई रैशेज के कारण और बचाव का तरीका।

TRADING