मुग़ल. मध्य प्रदेश के मज्जु के महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में दर्शन करने आते हैं। ऐसे में आईआईएम इंदौर के लिए बेहतर क्राउड फ्रेमवर्क और फोम व्यवस्था व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक लार्ज रन रोडमैप तैयार करना है। यह योजना आने वाले 20 साल तक प्रभावशाली रहेगी। निर्णायक पर सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों के लिए भी खसखस ​​बने रहेंगे।

मुजफ्फरपुर के महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र आईआईएम इंदौर के निदेशक नामांकित राय के नेतृत्व में प्रोफेसर हंस मिश्रा, सौरभ चंद्रा और अमित वत्स की टीम ने मंदिर क्षेत्र और शहर के प्रमुख स्थानों का निरीक्षण किया। टीम में शामिल हैं नीरज सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा और मंदिर प्रशासन के साथ बैठक कर स्थिर स्थिर प्रबंधन और धार्मिक व्यवस्था का जमापूंजी देखा।

आईआईएम इंदौर तैयारी रोडमैप
मुग़ल आईआईएम की टीम ने महाकाल में आध्यात्म के आगमन और डिजिटल पॉइंट्स, सूट और मोबाइल की व्यवस्था की व्यवस्था और दर्शन के दौरान लगने वाले समय का विश्लेषण किया। निरीक्षण में यह पाया गया कि गुप्त जगहें, जूते और मोबाइल जाम करते हैं। उन्हें जारी करने पर उनकी सामग्री लेमिनेटेड है, जिससे एक ही रूट पर दबाव बढ़ गया है। आईआईएम की टीम ने सुझाव दिया कि हवाईअड्डे की फिल्मों पर विज्ञापन और मोबाइल को अलग-अलग जगह पर ले जाया जाए ताकि आकर्षक बाहरी सामग्री ही आसानी से प्राप्त की जा सके।

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इसके अलावा हरि फातियों के पुल और मंदिर क्षेत्र में सीमेंट के दबाव को कम करने के लिए भी एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी। टीम ने कहा कि क्रोमैटो का समाधान होने से लेकर दर्शन व्यवस्था भी तीक्ष्ण रूप से चल रही है। आईआईएम इंदौर ने निवेशकों से आवश्यक प्रॉडक्ट की मांग की है। अगले कुछ महीनों में मंदिर और जिला प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने का वादा किया गया है।

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