How reusable cotton pads are great idea for summer,- कैसे कपड़े के पैड गर्मियों के लिए अच्छा विकल्प है


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सैनिटरी पैड्स यानी भद्दे डिस्पोजल सिंगल यूज प्रॉडक्ट्स, जिन्हें हम दोबारा इस्तेमाल नहीं करते हैं। इन पैड्स को मासिक धर्म के दौरान यौन शोषण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आज भी ग्रामीण महिलाएं सैनिटरी पादरी के तौर पर कपड़े का ही प्रयोग करती हैं। वहीं ज्यादातर शहरी महिलाएं डिस्पोसिअल पादरी का इस्तेमाल कर रही हैं। खोजगेट के आवेदन के अनुसार 90 प्रतिशत कर्मचारी डिस्पोजल पैड्स हर महीने यूज कर रहे हैं। वहीं 2 प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी हैं, जो रियूएबल पैड्स पर विश्वास करती हैं। यह जान लें कि गर्मियों में जानकारी रखने वाले पैड्स का प्रयोग करने से लाभ क्यों होता है (पुन: प्रयोज्य कपास पैड के लाभ)

रीयूजेबल सेनेटरी पैड्स

इसके बारे में MD, डीएनबी, एफएनबी, जे के हास्पिटल, जनकपुरी, कंसलटेंट, डॉ शिवानी सिंह कपूर का कहना है कि उपयोग योग्य पैड की पहचान ये हैं कि ये पैड इको फ्रेंडली हैं, जिन्हें धोने के बाद बार बार प्रयोग में ला सकते हैं। । कई घंटे तक इसका प्रयोग आने की बजाय इसे 5 से 6 घंटे के अनुपात में बदलकर लें। इसमें कोई भी दोराय नहीं है जिसे धोने की आवश्यकता है, मगर बिना किसी वेस्टेज के आप इसे वाश करके दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

कपड़े से बने दोबारा इस्तेमाल होने योग्य सेनेटरी पैड आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए ज्यादा बेहतर हैं। चित्र: दृश्यस्टॉक

उन्हें धोने में केवल 5 मिनट का समय लगता है। दरअसल, ये पैड्स सालों तक प्रदूषण फैलने का कारण बनते हैं। साथ ही इन्हें बनाने में किसी भी प्रकार से ब्लॉक को कोई नुकसान नहीं होता है। इसे चार से पांच साल तक प्रयोग कर सकते हैं। इसे छोड़ना और सुखाना बेहद आसान है। इससे न केवल हमारी सेहत को फायदा मिल रहा है बल्कि इन्हें तैयार करने वाले न जाने और कितने लोगों के लिए रोज गार का साधन भी बन रहे हैं।

जानिए क्यों गर्मियों में ज्यादा बेहतर हैं इस्तेमाल किए जा रहे रिकॉल रिक्रिएटर्स

1. पसीना आना

ये पैड्स पूरी तरह से आर्गेनिक होते हैं। गरमी में बार-बार पीने से मासिक धर्म के वो दिन बहुत खतरनाक से बौर साबित होते हैं। ऐसे में स्वेटिंग से बचने के लिए कॉटन पैड्स का उपयोग करें। गारमेंट या पॉलिएस्टर के प्रिंटिड कपड़ों से इन पैड्स के कोनों को तैयार किया जाता है जब त्वचा पर स्पर्श होते हैं, तो किसी भी प्रकार से पसीने आने से मुक्ति मिल जाती है।
रिसर्चगेट के मुताबिक एक महिला अपने करीब 15 हजार पैड्स का इस्तेमाल करती है, जो जमीन के अंदर ही खत्म होते हैं और धरती को नुकसान पहुंचाते हुए प्रदूषण का रूप ले लेते हैं। उन पैड्स को बायोडिग्रेड होने में कम से कम 500 साल तक का समय लगता है। इससे संबंधित जन्मतिथि की मात्रा लगातार बढ़ रही है।

2. श्वासनली होती है

डिस्पैसो पैड्स की तुलना में क्लॉथ पैड ब्रीथएबल साबित होता है। दरअसल, डिस्पोजबल पैड्स के ऊपर प्लास्टिक की एक परत होती है। इससे दिनभर अनकंफर्टेबल फील होता रहता है। कई बार इचिंग या फर्जी इंफेक्शन भी एक कारण साबित हो सकता है। सबसे पहले उठने के बाद बैठने में भी तकलीफ का अनुभव नहीं होता। क्लॉथ पैड डिस्पोजल की तुलना में अधिक मजेदार हैं क्योंकि आप उन्हें अपनी व्यक्तिगत शैली से मेल खाने के लिए विभिन्न राइट्स और प्रिंट में प्राप्त कर सकते हैं।

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सोख्यम सैनिटरी पैड ईको फ्रेंडली विकल्प हैं। चित्र: सोख्यम पैड्स

3. कंफर्टेबल रहते हैं

इसका इस्तेमाल हमारी त्वचा को हर तरह की असुविधा से बचाने का काम करता है। ये किसी भी प्रकार से चिपकी नहीं होती हैं। इससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं हो सकता। हाँ पैड कीमत में कम होता है, जिससे हम हर महीने के खर्च से भी बचत कर सकते हैं।

4. कैमिकल्स से मुक्ति

डिस्पोजल पैड्स को बनाने में बड़ी मात्रा में हानिकारक रसायनों का प्रयोग किया जाता है। जो स्किन के लिए खतरा साबित हो सकता है। इसके साथ ही इसके प्रयोग से बैक्टिरिया की उत्पत्ति भी होती है। ये पाद पुन: उपयोग योग्य होते हैं। ऐसे में आप पानी और साबुन की मदद से धोकर दोबारा प्रयोग में ला सकते हैं।

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