endometriosis se kaise deal karein,- एंडोमीट्रियोसिस से कैसे डील करें


अनियमित खानपान और असंतुलित लाइफ स्टाइल जहां हृदय संबधी रोगों और डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा रहे हैं। वहीं इसका असर महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी दिखने लगता है। व्यस्त दिनचर्या के चलते लोगों के पास सेलफ केयर के लिए समय की कमी होने लगती है। जो किसी बीमारी के सामान्य लक्षणों को गंभार बना देती है। पता ही नहीं चलता है। जानते हैं ऐसी ही एक समस्या एंडोमीट्रियोसिस के बारे में। जो पीरियड साइकिल को असामान्य रूप से प्रभावित करने लगती है और इनफर्टिलिटी का भी कारण बनने लगती है। जानते हैं एंडोमीट्रियोसिस क्या है और इससे कैसे डील करें (Tips to manage endometriosis) ।


एंडोमेट्रियोसिस क्या है (What is endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) उस स्थिति को कहा जाता है जब यूटर्स यानि गर्भाशय की लाइनिंग यानि एन्डोमेट्रियल ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। आमतौर पर ये समस्या 18 से लेकर 35 साल तक की स्त्रियों में पाई जाती है। इसके चलते महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के लक्षण नज़र आने लगते हैं। एंडोमेट्रियोसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 25 मिलियन महिलाएं इस रोग की चपेट में आ चुकी है। अनियमित लाइफस्टाइल और गलत खान पान इस समस्या का कारण बनने लगता है।

क्या पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से आपको एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है? चित्र : शटरस्टॉक

एंडोमीट्रियोसिस के कारण बढ़ने लगता है रक्त स्त्राव (Causes of endometriosis)

इस बारे में बातचीत करते हुए दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ रश्मि बालियान ने जानकारी दी। उन्होंने बताया हार्मोनल इंबैलेस पीरियड्स के दौरान कई तरह की परेशानियों का कारण बनने लगता है। इसके लिए एंडोमेट्रियम तेज़ी से विकसित होने लगते है। इससे महावारी के दौरान रक्त स्त्राव बढ़ने लगता है। जो पीसीओडी, वज़न बढ़ना, फेशियल हेयरग्रोथ और थायरॉयड समेत कई समस्याओं का कारण साबित होता है। है।


कैसे पता चलेगा कि किसी को एंडोमेट्रियोसिस है (Signs of endometriosis)

1. महावारी के दौरान रक्त स्त्राव का बढ़ जाना

एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) के कारण ब्लड का फ्लो बढ़ने लगता है। हैवी ब्लीडिंग के चलते बार बार पैड चेंज करने की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। इससे शरीर में आयरन की कमी बढ़ने लगती है। जो एनीमिया कर समस्या का कारण साबित होती है। इसके चलते शरीर में कमज़ोरी महसूस होने लगती है।

Heavy bleeding se anemia ki samasya badhne lagti hai
हैवी ब्लीडिंग के चलते बार बार पैड चेंज करने की समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। चित्र शटरस्टॉक।

2. पेट के निचले हिस्से में दर्द

पीरियडस के दौरान क्रैंपस की समस्या बढ़ जाती है। हार्मोनल इंबैलेंस दर्द को तीव्र कर देता है और डिसमेनोरिया की समस्या बढ़ने लगती है। पेट के साथ साथ पीठ में भी दर्द की शिकायत बनी रहती है। एन्डोमेट्रियल लाइनिंग मासिक धर्म के दौरान बढ़ती है और टूट जाती है। जो शारीरिक अंगों में रक्त के जमने का कारण बनती है। इससे असामान्य दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।

3. यूरिन के दौरान दर्द महसूस होना

इस समस्या के चलते पीरियड्स के समय यूरिन और स्टूल पास करने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। एंडोमेट्रियोसिस के चलते महिलाओं को कब्ज की समस्या से भी दो चार होना पड़ता है। इसके अलावा यूरिन पास करने के दौरान खून आने की समस्या भी बढ़ने लगती है।

4. सेक्स के दौरान पेन

संभोग के समय और उसके बाद दर्द का अनुभव होने लगता है। एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) के कारण बढ़ने वाली इस समस्या के चलते सेक्सुअल लाइफ डिस्टर्ब होने लगती है। इस बारे में पार्टनर से बात करें और इलाज भी करवाएं।

अब जानिए एंडोमेट्रियोसिस के साथ कैसे डील करना है (How to deal with endometriosis)

1 वॉटन इनटेक बढ़ाएं

शरीर में पानी का नियमित स्तर आपको स्वस्थ बनाए रखता है। इससे आप खुद को हाइड्रेटेड महसूस करते हैं। इससे शरीर में सूजन कम होने लगती है, जो एंडोमेट्रियोसिस के दौरान शरीर में होने वाली ऐंठन को कम कर देता है। ऐसे में रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पीएं। सादे पानी के अलावा अन्य नेचुरल तरल पदार्थों का सेवन भी शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार साबित होता है।

2 रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें

बीएमजे जर्नल के अनुसार रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करने से हम अपने शरीर को फिट रख सकते हैं। इसके अलावा शरीर में दिखने वाले एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों की भी रोकथाम की जा सकती है। इससे शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर और इंफ्लामेशन दोनों ही कम होने लगते है। इसके अलावा मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक फील.गुड रसायनों के स्तर को बढ़ावा मिलता है। जो लोअर एब्डोमिनल पेन से मुक्ति दिलाता है।

endometriosis ki rokthaam ke liye yeh exercise karein
रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करने से शरीर में दिखने वाले एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों की भी रोकथाम की जा सकती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3 हेल्दी मील लें

मील में प्रोसेस्ड और ऑयली फूड के स्थान पर ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें। इसके अलावा डाइट में विटामिन, मिनरल के अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड को भी सम्मिलित करें। जो इस समस्या के जोखिम को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है। लो फैट्स और प्लांट बेस्ड फाइबर रिच डाइट शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाती है।

4 भरपूर नींद लें

सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अत्यधिक थकान, तनाव और नींद पूरी न होना एंडोमेट्रियोसिस के खतरे को बढ़ा देती है। ऐसे में रात के समय लार्ज मील्स और कैफीन के सेवन से बचें। शरीर को हेल्दी रखने के लिए आठ घंटे की नींद अवश्य लें।

ये भी पढ़ें- Yoni Mudra Benefits : इन 4 स्टेप्स में करें योनि मुद्रा का अभ्यास, प्रजनन अंगों के लिए है फायदेमंद



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