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नई दिल्ली/दंतेवाडा। जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़) का खतरा दांतेवाड़ा (दंतेवाड़ा) जिले में बीते बुधवार को डायनामाइट ब्लास्ट में सुरक्षाबल के 10 सील समेत 11 लोगों की मौत की घटना के राज्य के बस्तर संभाग के सभी 7 में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं मिली खबरों के मुताबिक एक्सली पिछले 4 दिनों से इस हमले की तैयारी कर रहे थे।
#घड़ी | छत्तीसगढ़ में कल दंतेवाड़ा नक्सली हमले में डीआरजी के 10 जवानों और एक नागरिक चालक की जान चली गई; सीएम बघेल आज देंगे अंतिम दर्शन pic.twitter.com/1tAbqtc0Oq
– एएनआई (@ANI) अप्रैल 27, 2023
4 दिनों से हो रही थी प्लानिंग
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के दंते जिलेवाड़ा में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) सील्स की तैयारी करने के लिए 4 दिन से योजना बना रहे थे। दरअसल तथ्यों से पुलिस की खुफिया जानकारी के बारे में लोगों की मौजूदगी की खबर मिली थी। डेंटेवारा पुलिस के बड़े अधिकारी सील्स को ऑपरेशन पर सर्टिफिकेट की मांग कर रहे थे। हालांकि, मंजूरी मिलने में करीब 2 दिन का वक्त लग गया था।
दावेदार रह रहे हैं
इन कट्टरपंथियों का डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी में बर) जगदीश बीते 4 दिन से ककाड़ी, नहाड़ी, गोंडेरास के इलाके में माओवादियों की मीटिंग ले रहा था। जगदीश के साथ करीब 30 से 35 की संख्या में कई हथियारबंद माओवादी भी मौजूद थे। जो टीसीओसी के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए रणनीति बना रहे थे।
#घड़ी | छत्तीसगढ़ के आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने दंतेवाड़ा नक्सली आईईडी हमले के बारे में विवरण दिया जिसमें कल डीआरजी के 10 जवानों और एक नागरिक चालक की जान चली गई थी pic.twitter.com/BxcveUZ7bi
– एएनआई (@ANI) अप्रैल 27, 2023
वहीं पुलिस के सीलिंग को बिग कार के जरिए जंगल में छोड़ दें जाने की खबर लड़कों को पहले मिल गई थी। जिसके चलते वे पहले से ही अलर्ट थे। उसी दौरान दोपहर करीब 1:30 बजे से 2 बजे के बीच जैसे ही सील्स को ले जा रहे प्राइवेट कार सवारों द्वारा आईईडी के ऊपर बिछाए गए वैसे ही विरोधियों ने विस्फोट कर दिया।
DRG के सबसे बड़े दुश्मन
अटैचर है कि, इन दोषियों ने जिन डीआरजी के प्लाटून नंबर 1 को अपना बनाया है, ये संतेवाड़ा की सबसे मजबूत टीम बनाई गई थी। इसमें सरेंडर कर चुके कर्तव्य भी थे और इसलिए ऐसी दोस्ती से ही सहकर्मियों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
शहादत देकर चुकानी कीमत
इस भीषण घटना के समय हुए धमाके की आवाज, इतनी भीषण थी कि, करीब लदान किमी तक इसकी गूंज सुनाई दी थी। वहीं देखा और गाड़ी के चिथड़े उड़कर 60-70 मीटर दूर तक पहुंच गए थे। सुरक्षाबलों के 2 अलग-अलग कैंप के बीच डकैतों की छोटी-सी एक्शन टीम ने किया था जबरदस्त हमला। इस तरह से देखें तो दागेवाड़ा जिले में पहली बार एक साथ इतनी संख्या में DRG के सील्स की शहादत दर्ज हुई है।