Cg: Shankaracharya Nischalanand Saraswati Said – Livelihood Should Be For Life, Not Life For Livelihood – Amar Ujala Hindi News Live – Cg:शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा



शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज
– फोटो : अमर उजाला

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हिन्दू राष्ट्र के प्रणेता पुरी गोवर्धन मठ पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज राजधानी रायपुर के धरसींवा क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखन लाल मिश्र के ग्राम मुरा में आयोजित हिन्दू राष्ट्र धर्म महासभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्हें सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।   

सभा में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जीविका जीवन के लिए हो, जीविका के लिए जीवन नहीं होना चाहिए। मनुष्य अपने इसी जीवन में अच्छे कर्म कर पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी जाति वर्ण के जो प्रकृति के निवृत्त हैं, वह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि समाज को शिक्षा, रक्षा, अर्थ और सेवा के क्षेत्र में सशक्त बनने के साथ ही प्रबुद्ध होने की जरूरत है। सशक्त समाज से ही आने वाले पीढ़ी मजबूत और प्रबुद्ध होगा और कोई भी शब्द बाण से उन्हें गलत मार्ग के लिए विचलित नहीं कर पाएंगे। 

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का संबंध परलोक से होता है। सनातन धर्म सबको साथ लेकर चलता है। भारत देश ’वसुधैंव कुटुम्बकम’ की धरती है। उन्होंने कहा कि सबको अपने क्षेत्र के विकास के लिए सहभागी बनना चाहिए, पेट और परिवार तक सीमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने भौतिकवादी पर कहा कि विज्ञान और वैज्ञानिकों का शोध और ज्ञान भी वेद शास्त्रों से जुड़ी हुई है। विज्ञान और वैज्ञानिकों को कई वर्षों तक ज्ञान देने की क्षमता वेद और वेदांत में विद्यमान है। 



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