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Budget 2024: देश का अंतरिम बजट आगामी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बजट से उम्मीदें बढ़ गई हैं। अतीत में कई ऐसे बजट रहे हैं जिन्हें स्पेशल नाम दिया गया। ऐसा ही एक बजट 1997 का था। इस साल एचडी देवेगौड़ा सरकार थी और इस सरकार में वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने बजट पेश किया था। इसका नाम ड्रीम बजट रखा गया। आइए जान लेते हैं कि आखिर इसे ड्रीम बजट क्यों कहा गया।
क्यों कहा गया ड्रीम बजट
इस बजट में इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की गई थी। इसके जरिए सरकार ने मिडिल क्लास के साथ ही कॉरपोरेट को भी बड़ी राहत देने की कोशिश की। इस बजट को साल 1991 में नरसिम्हा राव सरकार के तहत मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की निरंतरता के रूप में देखा गया था।
टैक्स स्लैब में बदलाव
पी. चिदम्बरम ने कॉर्पोरेट टैक्स पर सरचार्ज घटा दिया तो आय और कॉर्पोरेट टैक्स कम कर दिया। लाफ़र कर्व थ्योरी के तहत चिदंबरम ने कलेक्शन बढ़ाने के लिए टैक्स दरों को कम किया। इंडिविजुअल्स के इनकम टैक्स स्लैब का मैक्सिमम रेट 40 प्रतिशत था, जिसे घटाकर 30 प्रतिशत किया गया। इसके अलावा घरेलू कंपनियों के लिए आयकर दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया। इस बजट ने लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए प्रेरित किया और बाद के वर्षों में रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। सरकार इस बजट में वॉलंटियरी डिसक्लोजर ऑफ इनकम स्कीम (VDIS) लेकर आई। इसके जरिय काला धन वालों को स्वैच्छिक आय का खुलासा करने की छूट दी गई।
पहला बजट किसने पेश किया: बता दें कि स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। बता दें कि मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों ने लगातार पांच बजट पेश किये थे। वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक अंतरिम बजट पेश किये थे।