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जैविक खाद में…
– फोटो : अमर उजाला
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सुपेला पुलिस ने कलेक्टेट में बाबू की नौकरी के नाम पर लाखो की संपत्ति बनाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बुनियादी ढांचे ने कई उद्यमों से नौकरी के नाम पर उद्यमों को अंतिम रूप दिया। अचल संपत्ति के दस्तावेजों को प्लास्टिक के टुकड़ों और गाड़ियों के मोबाइल में खर्च किया जाता है।
एक युवा ने अपने ही साथ काम करने वाले से बातें कीं, बहला-फुसला कर उसे कलेक्टेट में बाबू के पद पर नौकरी पर रखने का लालच देकर 6 लाख की कमाई की। बुज़ुर्ग को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। बुज़ुर्ग नितेश गेंड्रे प्राइवेट जॉब करता है। उन्होंने अपने साथ काम करने वाले युवाओं को कलेक्ट में बाबू को नौकरी के नाम पर लाखो रुपये को रिजर्व की है।
2022 में अर्थशास्त्रियों और अभ्यर्थियों का परिचय हुआ था। प्रार्थी भी अनाथ नीतीश की बातें में आ गया और उसे पैसे दे दिया। चार महीने बाद जाने के बाद जब नौकरी नहीं लगी तो प्रार्थी ने अपनी नकदी वापसी की मांग की समस्या ने आज-कल कहा कि प्रार्थी को नौकरी मिल रही है। जब नीतीश ने पैसे वापस नहीं लिए तो प्रार्थी ने स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
सुपेला मंच के प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि आवेदक की रिपोर्ट में बाबा साहब के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर पतासाजी की जा रही है। पुलिस ने नाबालिग को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। नितेश कुमार गेंड्रे ने पुलिस से पूछताछ में बताया कि नौकरी के नाम पर कई दुकानों से पैसे ले लिए हैं और अभी तक नौकरी नहीं मिली है। इंफ्रास्ट्रक्चर ने प्लास्टिक के सिक्कों से लेकर थार, फॉर्च्यूनर, इनोवा के चिप्स और सुपरमार्केट-महंगे मोबाइल का शौक पूरा किया है।