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BEd Vs DElED : बिहार के बाद अब एक और राज्य में बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी स्कूलों (कक्षा 1 से 5 तक) में टीचर नहीं बन सकेंगे. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल में टीचर के पद पर चयनित डिग्रीधारियों को इस भर्ती से बाहर कर दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार नियुक्त कि गए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को जॉब से हटाकर छह महीने के भीतर फिर से बहाली करे. कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ डीएलएड वालों को ही मेरिट के आधार पर प्राइमरी स्कूल में भर्ती की जानी चाहिए.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने यह फैसला डीएलएड अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनाया है. याचिका में डीएलएड करने वालों ने प्राइमरी स्कूल शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि डीएलएड कोर्स करने वालों को प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन ने उल्लंघन किया है.
6500 पदों पर निकली थी भर्ती
छत्तीसगढ़ में 4 मई 2023 को सहायक अध्यापक के करीब 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. जिसके लिए परीक्षा 10 जून को हुई थी. इसमें बीएड और डीएलएड दोनों योग्यता वाले शामिल हुए थे.
हाईकोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद बीएड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी. जिसे अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए बीएड शिक्षकों को भी अंतरिम रूप से नियुक्ति देने का आदेश दिया था. इस पर 29 फरवरी 2024 को अंतिम सुनवाई हुई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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Tags: Chhattisgarh High court, Government teacher job, Job and career, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : April 2, 2024, 17:32 IST