कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी 108 एम्बुलेंस सेवाओं की लाचर व्यवस्था के कारण नवजात शिशु समेत चार लोगों की मौत हो गई। इस सैद्धांतिक घटना के बाद स्वास्थ्य संबंधी घटकों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दो दिनों के भीतर सामने आई इन घटनाओं में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ी कर दी गई है।

नवजात शिशु की जान में ऑक्सीजन की कमी हो गई
जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी रेलवे स्टेशनों के घटक उतर नहीं पा रहे हैं। एक ट्रक घटना में करतला सामाजिक स्वास्थ्य केंद्र में कांति राठिया और उनके दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की कमी और अध्ययन के कारण ई-दक्ष कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण उनकी मृत्यु हो गई, जिससे उनकी जान चली गई।

स्वास्थ्य सेवाओं की वैज्ञानिक स्थिति
इससे पहले महतारी एक्सप्रेस में ही एक महिला की मूर्ति निकली थी. नवजात शिशु को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, लेकिन एम्बुलेंस में ई-डिलीवरी और ऑक्सीजन की सुविधा न होने के कारण उसकी भी मृत्यु हो गई। ये घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि जहां एक ओर सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।

किस व्यवस्था में कोई सुधार होगा?
इन घटनाओं के बाद डॉक्टर अजीत स्प्रिंग ने मेडिकल कॉलेज को, संबंधित संबद्ध स्वास्थ्य अध्ययन और बी.आई. सिद्धांत को जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देखिये क्या होगा जांच के बाद ही स्थिति में सुधार कब तक होगा? इन उदाहरणों से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं? क्या एम्बुलेंस में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और अध्ययन ई-मित्र स्टाफ की सिगरेट की सुरक्षा की जाएगी?

उठेगाप्रभावी कदम
इन सवालों के जवाब नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं की जान बचाने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि महतारी एक्सप्रेस जैसी कंपनी वास्तव में जीवन रक्षक भंडार है, न कि मृत्यु का सबब। अगर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अमली जामा पहनाना है तो इन पुरानी कहानियों से मिले सबक को चुनने से लेकर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

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