बुरहानपुर. मध्य प्रदेश को एक ऐतिहासिक प्रदेश कहा जाता है यहां आज भी कई पुराने मंदिरों के महल, स्मारक, मंदिर, स्वामी और मंदिर मौजूद हैं जो अपनी-अपनी सामग्री लिखते हैं। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में राजा द्वारा बनवाए गए कई स्मारकों को अब उनके परिवार के लोग लेकर जा रहे हैं, 400 साल बाद इन स्मारकों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए अंतिम संस्कार में छोड़ दिया गया है। पुरातत्वविदों के साथ उनके द्वारा ताप्ती नदी के घाटों की यात्रा की गई और यहां उन्होंने अपने वंशजों द्वारा बनाए गए स्मारकों को देखा और अब स्वयं के खर्च से संरक्षण की बात कही है।

एंजल्स ने दी जानकारी
राजस्थान से आए राजा के वंशावली परिवार के विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि 400 साल पहले 1600 ई.पू. में राजा रायसिंह और सुरसिंह राजा थे। अकबर के समय में उन्हें यहाँ का राज्यपाल बनाया गया था। हाथी घोड़े लेकर यात्रा पर निकले थे और उनके द्वारा कई स्मारक भी बनाये गये थे। इसके लिए आज हम मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आये थे और उनके राजा राव रत्न की छतरी भी बनवाई गई थी। उनकी सुरक्षा को लेकर भी हम सरकार से बात कर रहे हैं। कुछ छतरी स्मारक और भी बनाये गये हैं। उनकी व्युत्पत्ति की जा रही है. जैसे ही वह भी हमसे मिले तो हमारे द्वारा अपने स्वयं की राशि से संरक्षित किया गया।

पुरातत्वविद् का ले रहे सहारा
शहर के पुरातत्वविद डॉक्टर वैद्य वैद्य सुभाष ने जानकारी देते हुए बताया कि राजा रायसिंह के राजा बने हुए हैं। उनके वंशज बुरहानपुर आ चुके हैं और अब उनकी बनाई हुई ऊंची छतरियां और स्मारक ढूंढे जा रहे हैं। कुछ सामान में भी लिखा हुआ है. उसके आधार पर हम जिलों में यात्रा कर रहे हैं।
संपादन- आनंद पांडे

पहले प्रकाशित : 23 नवंबर, 2024, 14:47 IST

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