कोरबा: जिले का जंगल अपनी समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक प्रकृति के लिए जाना जाता है। यहां की वनस्पतियों और जीव जंतुओं ने इस क्षेत्र को फूलों का स्वर्ग बना दिया है। विशेष रूप से, यह क्षेत्र उड़ीसा से आये हाथियों के लिए भी अत्यंत आकर्षण का केंद्र बन गया है। कटघोरा वन मंडल में पिछले कई वर्षों से 50 से अधिक वर्षों से हैंडियों का झुंड स्थायी रूप से निवास कर रहा है, जो अब स्थानीय लोगों के लिए एक आम दृश्य है।
कई वीडियो वायरल हो चुके हैं
हाल ही में, कटघोरा वन मंडल के पसान वन क्षेत्र स्थित तनेरा तालाब के करीब तीन किलोहथियों को विचरण करते और जल क्रीड़ा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में हैंडीज़ की दरार को देखने से यह स्पष्ट होता है कि कोरबा के जंगलों में वन्य जीवन अत्यंत समृद्ध है। हाथियों का यह सहज व्यवहार न केवल प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि इस क्षेत्र की जैव विविधता भी शामिल है।
वन विभाग ने पर्यवेक्षण, सुरक्षा पर जोर दिया
हाथियों की सक्रियता को देखते हुए वन विभाग ने इन गजराजों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम का गठन किया है। विभाग के अधिकारियों ने किसानों और दुकानों से सलाह दी है कि वे हाथों के साथ बाल न खरीदें और न ही उनके पास जाने का प्रयास करें। ग्रामीण क्षेत्र में, जहां हाथियों का आना-जाना सामान्य है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से उपकरणों की आवश्यकता पर बल दिया जाता है।
स्थानीय उद्योग में योगदान, पर्यटन का बहुत महत्व
हाथियों की उपस्थिति क्षेत्र में चहल पहल का काम कर रही है। कभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर, तो कभी गांव के मार्गदर्शक में ये गजराज उत्पात मचाते या क्रीड़ा करते दिखते हैं। इससे न केवल प्रेमी-प्रेमिकाओं को आनंद मिलता है, बल्कि यह स्थानीय उद्योग को भी संजीवनी प्रदान करता है, क्योंकि लोग इन अद्भुत दृश्यों को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कोरबा का यह जंगल अब केवल मछुआरे का निवास स्थान नहीं रह गया है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अनोखा पर्यटन स्थल बन रहा है।
संरक्षण और संतुलन, सामूहिक शक्ति की आवश्यकता
हाथों की अद्भुत दुनिया का अनुभव होना जरूरी है, लेकिन इसकी सुरक्षा और बायोबैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है। वन विभाग एवं स्थानीय वन विभाग का यह सामूहिक प्रयास निश्चित रूप से इस क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कोरबा के जंगलों में बने पत्थरों से सुरक्षा के लिए कदमों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है, जिससे यह क्षेत्र आने वाले समय में भी सुरक्षित आश्रय स्थलों के लिए बना रहे।
कोरबा के जंगल में गजराजों की वापसी ने इस क्षेत्र को संरक्षण के दावे से महत्वपूर्ण बना दिया है। कोरबा में वन विभाग की सक्रिय निगरानी और स्थानीय समुदायों के सहयोग से जैव विविधता की रक्षा हो रही है। यह सबसे पहले न केवल आदर्शों के लिए है, बल्कि स्थानीय और पर्यटन को भी प्रोत्साहन दे रही है।
टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, कोरबा खबर, स्थानीय18
पहले प्रकाशित : 14 नवंबर, 2024, 23:26 IST