खरगोन. मध्य प्रदेश के अयोध्या आख्यान में जाने वाले मंडलेश्वर में हजारों दीयों की ज्योति मां नर्मदा का घाट जगमग हो गया। साथ ही 51,000 दीप मां नर्मदा के पावन जल में भी प्रवाहित हुए। बकुंठ चतुर्दशी पर खरगोन के धार्मिक नगरी मंडलेश्वर में अयोध्या के धर्मगुरु पर दीपोत्सव मनाया गया। संस्था समिति द्वारा यहां 31 हजार दीप जलाए गए। इससे घाट पूरा रोशनी से सराबोर हो गया।
कार्यक्रम समिति के सदस्य भूपेन्द्र सिंह चौहान एवं मनोज शर्मा ने बताया कि पिछले 4 वर्षों से मध्य प्रदेश के अयोध्या एवं मंडन मिश्र के नगरी मंडलेश्वर में ठीक उसी प्रकार का दीप महोत्सव महोत्सव मनाया जाता है, जिस प्रकार श्रीराम के अयोध्या में मनाया जाता है। इस वर्ष का आयोजन माँ अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती को समर्पित किया गया था। दीपोत्सव के अलावा भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
अद्वितीय भारत का नक्शा आकर्षण का केंद्र
राम घाट से शीतला माता मंदिर तक पूरे घाट पर दीपक जलाये गये। साथ ही अखंड भारत का नक्शा, अयोध्या का राम मंदिर, मां अहिल्या बाई होलकर, बिरसा मुंडा और बाबा जोरावर सिंह और बाबा शिक्षा सिंह की उपाधि भी रंगोली से उकेरकर दीपों से स्थापित हुई, जो विशेष आकर्षण का केंद्र रही। इसी के साथ नामकरण के बीच महान महानुभाव भी बने।
माँ नामकरण की काकड़ आरती हुई
बता दें कि शाम 7 बजे कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की आरती और मां नर्मदा की काकड़ आरती से हुई। हजारों लोगों ने मां की एक ही आरती उतारी और फिर काकड़ से 31,000 दीप जलाए। आस्था ने सैकड़ों आतिथ्य के दीप भी नर्मदा तट पर जलाए और पूजा की। घाट पर बनी महापुरुषों की छत के साथ फोटो भी खानदानी।
निमाड़ी लोक कला हरबोला के योद्धा
संस्था समिति द्वारा यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। इसमें महिष्मती नृत्य संस्था के कलाकारों ने मनमोहक कलाकारों को शामिल किया। साथ ही निमाड़ की विशेषताएँ लोक कला हरबोला को फिर से जीवित करने वाले बड़वानी के निमाड़ी हरबोला ब्रदर्स स्मारक शर्मा एवं अंकित पाटीदार ने भी सरदारों को दी। देर रात तक लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिया।