सागर: सागर से मछली चोरी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी तालाब से लाखों मछलियों की चोरी होती रही, लेकिन संबंधित विभाग को इस बारे में सांपला तक नहीं लगा। अनोखी तो ये कि ये चोरी एक-दो महीने से नहीं, बल्कि बात 4 साल से चल रही थी. मछली चोरी होने से नगर निगम को राजस्व का वहन करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि 4 साल में 5 करोड़ की मछली बिना किसी टेंडर के तालाब से बेच दी गई। वहीं, अंदरखाने की खबर है कि निगम के कर्मचारियों की रिकॉल से ही ये गेम चल रहा था।
असलहा, सागर के बीचो बीच एक 400 स्नैक का तालाब है। इसका गहराईकरण का कार्य हो जाने के बाद यहां मछली का सौदा करने वाले लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर बिना किसी के बीज डाले गए हैं। फिर से किया जाता है मछुआरों का शिकार. 1 दिन में तालाब से करीब 20 झीलें मछली पकड़ने वाली मछली निकलती हैं, जिसका नाम मैसाचुसेट्स सागर, टीकमगढ़, छतरपुर के अलावा रायसेन, विदिशा, भोपाल में हो रहा है। इसके अलावा यूपी में भी भारी माचिस की फैक्ट्रियां निकाली जा रही हैं। सप्ताह में शनिवार, मंगलवार और गुरुवार को तालाब से मछली की चोरी की जाती है। इसके अलावा कोई और दिन डिजाइन आ जाए तो भी मछली दिखती है।
ऐसे समझे मछली चोरी का पूरा खेल
1 दिन में अगर 10 कीमती मछली भी चुराई जाती हैं और थोक भाव में 100 किलो के भाव से चोरी की जाती हैं, तो इसकी कीमत एक लाख हो जाती है. हर हफ्ते 3 लाख और महीने में 12 लाख मछली की चोरी होती है। साल भर का यही पात्र एक करोड़ से ऊपर हो जाता है। 4 साल में करीब 5 करोड़ की मछलियां चोरियां हो गईं। सागर के तालाब से 4 साल पहले बिना किसी समिति के, किसी तालाब के तालाब से अवैध रूप से मछली पकड़ी जा रही है।
2019 से नहीं हुआ टेंडर
तालाब या किसी बड़े बांध से मछली पालन करने के लिए निगम या संबंधित विभाग द्वारा निवेश की सलाह का काम शुरू किया जाता है। राजस्व का राजस्व होता है. एक तो प्रतिष्ठित टेंडर प्रक्रिया को नामांकित किया जाता है और दूसरा टेंडर होने पर समिति में काम नहीं किया जाता है। फिर लिखा-पढ़ी के खाते से टैक्स लिया जाता है। सागर में साल 2019 के बाद से न तो कोई टेंडर हुआ और जो समिति भंग की गई, उसका पुनर्निमाण भी नहीं किया गया।
अंडेट पर होगी कड़ी कार्रवाई
सागर नगर कमिश्नर प्रिंस खत्री ने इस मामले में कहा, अगर तालाब से मछली पकड़ना हो रहा है या अवैध रूप से तालाब से देखा जा रहा है तो इस संबंध में निगम के कर्मचारी और मछली पालन करने वालों की बैठक होगी। अगर कुछ नियमों का विरोध पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले प्रकाशित : 11 नवंबर, 2024, 18:34 IST