केशव कुमार/महासमुंद: प्रदेश का प्रसिद्ध बार नवापारा अभ्यारण्य 1 नवंबर से वर्श के लिए फिर से खोल दिया गया है और यह जून महीने तक खुला रहेगा। विभाग ने ऑब्जेक्टॉल के वन भ्रमण के लिए अलग से पूरी कर ली हैं। इस अभयारण्य का चित्र 244.66 वर्ग कि.मी. है, जहां पर्यटक स्मारकों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा जा सकता है। यहां देश-विदेश से आने वाले सैलानी प्राकृतिक प्राकृतिक का आनंद लेने के लिए वीरगति प्राप्त करते हैं।
स्थापना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
बार नवापारा अभ्यारण्य की स्थापना 27 जून 1976 को मध्य प्रदेश के शासनकाल में हुई थी और इसका नाम यहां के दो वन ग्राम, बार और नवापारा के नाम पर रखा गया था। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से जनजाति जाति, जनजाति और जनजाति वर्ग के लोग रहते हैं, जो अपनी पारंपरिक संस्कृति और प्रकृति में आस्था रखते हैं। यहां के लोग कृषि, मठाधीश और छोटे-छोटे छोटू से अपनी जीविका पसंद करते हैं।
दोस्त और नेटवर्क की दुकान
पहले इस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब जिओ तक सीमित दूरी उपलब्ध है। पूरे क्षेत्र में बिजली नहीं है और सभी व्यवस्थाएं सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित हैं।
जंगली जीवन और विविधता
अभ्यारण्य का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है, जो इसे जैव विविधता से निर्मित करता है। यहां बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, गौर, जंगली बफ़ेलो, काला हिरण, लकड़ीबाघा, लोमड़ी और सियार जैसे वन्य जीव देखे जा सकते हैं। यहां 185 से अधिक प्रकार के पक्षी-पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें 30 से भी अधिक प्रकार के पक्षी-पक्षी पाए जाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की रंग-बिरंगी तीलियां भी ज्वालामुखी को आकर्षित करती हैं।
जिज्ञासाओं के लिए
अभ्यारण्य में सुपरमार्केट के लिए सेट की गई शेल्फ पर जिप्सी और गाइड की सुविधा है। इसके अलावा, प्लांट की सुरक्षा और आराम पर ध्यान देने वाली जगह और कैंटीन की भी व्यवस्था की गई है।
पर्यटन स्थल आकर्षण और
अभ्यारण्य के पास कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जैसे शिरपुर, तूरिया, देवधर, देव हिल्स, सिद्धखोल, सोना और गिरोदपुरी, जहां पर्यटक घूम सकते हैं। यहां एक ओपन थिएटर भी है, जहां पुरातात्विक से संबंधित ज्ञानाभ्यास फिल्में और स्केच भी उपलब्ध हैं।
स्वतंत्रता और आकर्षण
यहां की स्वतंत्रता और प्राकृतिक कला को बहुत आकर्षित किया जाता है। जैव विविधता और वैष्णव जीवन संरक्षण के महत्व को समझने के लिए यह एक उत्कृष्ट स्थल है, जो कि प्रकृति से जुड़ा है।
टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, स्थानीय18, महासमुंद समाचार
पहले प्रकाशित : 8 नवंबर, 2024, 13:21 IST