आईएएस कहानी: कभी-कभी आपकी मेहनत ऐसी सफलता लाती है जो औरों के लिए मिसाल बन जाती है। आज एक ऐसी ही महिला अधिकारी की कहानियां हैं। इंजीनियरिंग के बाद उन पर मेहनत और किस्मत ने ऐसा रंग जमाया कि उन्होंने दो-दो बार यूपीएससी पास की। पहली बार एफ़िकारी बनीं, तो दूसरी बार रिक्शा की राह पकड़ी। अब उन पर एफआईआर के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद वह फिर से इस्तीफा दे दिए गए हैं।

यह कहानी है अधिकारी अली डेका की. 2009 बैचलर ऑफ साइंस ऑफिसर अन्यथा इन दिनों असम के नल बाबा के जिला कमिश्नर हैं। असम की एक स्थानीय अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आम चुनाव के दौरान उनके एक अधिकारी पर नाराजगी का आरोप है, जिसके बाद वह एक बार फिर से चर्चा में हैं.

विश्वविद्यालय की रहने वाली हैं अन्यथा
मूर्तिपूजक ऑलरेसी डेका विश्वविद्यालय की रहने वाली हैं। असम सरकार की वेबसाइट personal.assam.gov.in के अनुसार, अन्यथाली डेका 2009 बैक के रिजर्व अधिकारी हैं। उनका जन्म 15 फरवरी 1979 को हुआ था। यहां उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्ली ने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है। टाइम्स इंडिया में साल 2009 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अली डेका ने बेंगलुरु से बीटेक और फिर आईआईटी बॉम्बे से एमबीए का कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सिविल इंजीनियरिंग की तैयारी की।

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पहली बार बनीं आईपीएस
अन्यथाली डेका ने सबसे पहले वर्ष 2008 में यूपीएससी परीक्षा पास की, जिसके बाद उनका चयन फर्जी हो गया। उस वक्त टाइम्स ऑफ इंडिया के इंटरव्यू में ऑलर्ली डेका ने बताया था कि उन्होंने आईएएस की चाहत से ही शुरुआत की थी, लेकिन पहले उनका सिलेक्शन फिल्मों के रूप में हुआ। इसी तरह अगले साल हुई यूपीएससी परीक्षा में अली डेका ने ऑल इंडिया में 16वीं रैंक हासिल की और आईएएस बन गईं।

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