शिवांक मंदिर, गोदाम: मध्य प्रदेश के आदिवासी जिलों के नागौद क्षेत्र के ग्राम गंगवारिया में बिजली संकट गहराता जा रहा है। इस गांव में करीब 15 दिनों से 2000 से ज्यादा लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, और इस गंभीर समस्या का समाधान अब तक नहीं मिल पाया है।

रिवोल्यूशन ने कई बार प्रशासन से पौराणिक कथाएं निकालीं, लेकिन दीपावली के पावन अवसर पर भी गांव ब्लैकआउट में ही रहा। बिजली विभाग का कहना है कि बिजली बिल अवैध होने के कारण पूरे गांव की बिजली गुल हो गई है, लेकिन बिजली विभाग का कहना है कि कई लोग पहले ही बिल का भुगतान कर चुके हैं। इस घटना से कार्टून में गहरी नाराज़गी है, और वे न्याय की अपील कर रहे हैं।

प्रशासन से मदद की उम्मीद है
ग्राम गंगवारिया के निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी समस्याओं पर गौर किया है। कई बार अपील के बाद भी अब तक कोई भी अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर पाया है। रिचार्ज का आरोप है कि बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बिजली कंपनी के नाम पर 30,000 रुपये की मांग की है, और बिना इस भुगतान के गांव की बिजली बहाल करने में दिलचस्पी है। यह स्थिति उनके लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है।

महिलाओं का रोष और चर्चा
गाँव की महिलाओं ने भी फ़्रैंक से इस मुद्दे पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि विभाग का अनुदान और रिश्वत खोरी गांव की मुख्य समस्या बन गयी है. कई रिवॉल्यूशन ने अपने बिल समय पर जमा कर लिए हैं, लेकिन फिर भी पूरा गांव ब्लैकआउट में डूबा हुआ है। उनका आरोप है कि अधिकारियों द्वारा बार-बार रेज़्यूमे के नाम पर कंपनी की मांग की जा रही है। महिलाओं का कहना है कि प्रशासन ने इस अनदेखी दीपावली को प्रमुख त्योहार मानकर उन्हें भी मना लिया है।

सरपंच पर आरोप: गांव में बिजली चोरी का मामला
ग्रामवासी अपने ही सरपंच पर भी आरोप लगा रहे हैं। रीटेल का कहना है कि सरपंच बिजली चोरी करके अपने ही घर में बिजली का उपयोग कर रहे हैं, जबकि वे इस संकट के समाधान के लिए गांव के लोगों का साथ नहीं दे रहे हैं। इस आरोप से गांव का संभ्रांत और अधिक प्रतिबंधित हो गया है और लोग सरपंच से भी इस समस्या में मदद की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।

प्रशासन का रुख और अधिकारी की लापरवाही
इस अंक पर लोक 18 ने नागोद के सहायक उपकरण (ई) के.के.के. गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की, ताकि बिजली के तारों का सही कारण जान सहायक हो सके। लेकिन उन्होंने समय की कमी का हवाला देते हुए इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया। अधिकारियों की शैलियाँ और बेरुखी से गाँव के लोग खुद को भावुक महसूस कर रहे हैं और इस स्थिति को लेकर उनकी ऊँचाई बढ़ रही है।

आखिरी की मांग: न्याय और जल्द समाधान की उम्मीद
ग्राम गंगवारिया के स्थानीय निवासी 18 के माध्यम से प्रशासन और मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज उठाना चाहते हैं। वे इस समस्या का शीघ्र समाधान और कच्चे माल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुनर्स्थापना का कहना है कि बिजली विभाग को अविलंब गांव में बिजली बहाल करनी चाहिए, ताकि उनका सामान्य जीवन वापस आ सके।

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