खंडवा में इस पर सुतली बम की मांग तेजी से बढ़ी है, जो पटाखा बाजार में वापस आ गई है। सुतली बम खंडवा के युवाओं और पटाखा प्रेमियों के बीच खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बार बाजार में अलग-अलग प्रकार के सुतली बम उपलब्ध हैं, जिनमें मुख्य रूप से दो प्रकार के सुतली बम देखे जा रहे हैं: रूब वाला सुतली बम और जिलेटिन वाला सुतली बम। दोनों प्रकार के सुतली बम अपनी गुणवत्ता, आवाज और कीमत के आधार पर आकर्षण को आकर्षित कर रहे हैं।

भालू वाला सुतली बम: अरबों की पसंद
इस बार खंडवा के पटाखा बाजार में क्यूबा वाला सुतली बम जलगांव की कंपनी से आया है, जिसका नाम “सद्दाम” है। यह सुतली बम अपनी उत्कृष्ट कीमत और अच्छी गुणवत्ता के कारण चाहत के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है। इस बार इसकी कीमत में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जो आमतौर पर बाजार में हर साल की तरह होती है। इसके बावजूद खंडवा में लोग इसे शेयर करने के लिए बढ़-चढ़कर आ रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से आने वाले लोग इसे लाइक में मछली दिखा रहे हैं।

डिस्ट्रिक्टिन वाला सुतली बम: शानदार आवाज और गुणवत्ता
जिलेटिन सुतली बम भी इस बार खंडवा के पटाखा बाजार में उपलब्ध है, जो कि सुतली बम के शौकीनों के लिए एक और विकल्प पेश करता है। यह बम आकार में थोड़ा बड़ा और महंगा होता है, कीमत लगभग 110 से 150 रुपये तक होती है। डिस्ट्रिक्टिन सुतली बम की खासियत यह है कि इसे बड़ी असेंबली ने शिवकाशी पर डिजाइन किया है, जैसे पटाखा का निर्माण हब से किया गया है, जिससे इसकी गुणवत्ता और आवाज शानदार है। डिस्ट्रिक्टिन बम को फोड़ने पर जो गूंजती हुई आवाज डिफॉल्ट है, वह युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसकी ध्वनि का अनुभव विशेष रूप से युवा वर्ग को समय का उत्साह देता है।

चावला परिवार का योगदान: 1947 से खंडवा में पटाखा व्यापार की परंपरा
खंडवा के पटाखा बाजार में चावला परिवार का विशेष योगदान है। इस परिवार के सदस्य कर्मचारी हैं कि 1947 से उन्होंने मूर्तिकला का व्यापार शुरू किया था। पहले हरदा की पटाखा फैक्ट्री से सुतली बम और अन्य दुकानें खोली जाती थीं, लेकिन फैक्ट्री में ब्लास्ट होने के बाद वे अन्य जगहों से ऑर्डर करते हैं। वर्तमान में खंडवा के व्यवसाय जलगांव और शिवकाशी जैसे क्षेत्र से सुतली बम मिलते हैं, जो इस समय बाजार में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले सुतली बम माने जाते हैं।

युवाओं की पसंद सुतली बम: आवाज और जोश का संगम
सुतली बम की सबसे खास बात यह है कि इसे फोड़ने की बात तेज और गूंजती हुई आवाज के साथ होती है। इसका कारण यह है कि यह युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। कई युवा इसे रात को फोड़ने के लिए पसंद करते हैं, जिससे त्योहार का उत्साह और भी बढ़ जाता है। सुताली बम के प्रति युवाओं का आकर्षण यह बताता है कि आधुनिक दौर में भी यह पारंपरिक पटाखा अपनी जगह बनाता है।

सुली बम की प्यासी मांग और बाजार की दुकानें
इस खंडवा का पटाखा बाजार में शेयरधारक नजर आ रहा है। विभिन्न प्रकार के सुतली बमों की मिट्टी मांग के सामान की बिक्री में गिरावट आई है। कई लोग अपने परिवार के साथ बाजार में आ रहे हैं और मशगूल में आतिशबाजी की खरीदारी कर रहे हैं। साथ ही एक कहावत यह भी है कि इस बार दिवाली पर ग्राहक बहुत अच्छे हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ होने की उम्मीद है। सुतली बम की यह मांग बताती है कि पुराने जमाने से चले आ रहे इस बम का आकर्षण आज भी है।

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